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हल्द्वानी: स्वाइन इन्फ्लूएंजा एक संक्रामक सांस की रोग है जो कि सामान्य रूप से केवल सूअरों को प्रभावित करती है। यह आमतौर पर स्वाइन इन्फ्लूएंजा ए वायरस के H1N1 स्ट्रेंस के कारण होता है। हालांकि H1N2, H3N1 और H3N2 के रूप में अन्य स्ट्रेंस भी सूअरों में मौजूद रहते हैं। हालांकि लोगों में स्वाइन फ्लू होना सामान्य नहीं है, मानवीय संक्रमण कभी-कभी होते हैं, मुख्यतया संक्रमित सूअरों के साथ निकट संपर्क के बाद से। हल्द्वानी साहस होम्यो क्लीनिक के डॉक्टर एन.सी पाण्डे ने स्वाइन फ्लू से बचने के लिए होम्योपैथिक इलाज बताया।
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डॉक्टर एन.सी पाण्डे ने बताया कि स्वाइन फ्लू के चपेट में आने से बुखार, थकान, और भूख की कमी, खांसी और गले में खराश जैसी चीजे सामने आती है। कुछ लोगों को उल्टी और दस्त भी हो सकती है। इन्फ्लूएंजा ए (H1N1) से संक्रमित कुछ लोगों को गंभीर रोग हुई और मर गए। बहरहाल, कई मामलों में इन्फ्लूएंजा ए (H1N1) के लक्षण हल्के रहे हैं और अधिकाँश लोग पूरी तरह ठीक भी हुए हैं।
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स्वाइन फ्लू से बचने के लिए होम्योपैथिक दवा:
- DULCAMARA 200( 5-5 बूंदे एक हफ्ते में 2 बार) अगर रविवार को ले रहे थे दूसरी बार बुधवार को ले
- EUPATORIUM PERF.30 ( 5-5 बूंदे रोज तीन से पांच दिन तक) इस दवा का सेवन वायरल से बचाव के लिए है।
- REPL 108 SWAINIL- SWIN FLU (20-20 बूंदे तीन बार )