हल्द्वानी: क्या कोई कल्पना कर सकता है कि स्कूल के अंदर बदमाश घुसकर छात्र पर हमला कर सकते है? शायद नहीं लेकिन अल्मोड़ा जीआईसी सत्यों (लमगड़ा ब्लॉक) में मंगलवार को जो हुआ उसने सभी को रोंगते खड़े कर दिए। चार नकाबपोशों ने दसवीं कक्षा के एक छात्र को केरोसिन डालकर जिंदा जला दिया। जिससे उसकी मौत हो गई। मृतक राकेश कनवाल (15) 10वीं का छात्र था। जब ये घटना सामने आई तो पहले दृष्टि से इसे सुसाइड की नजर से देखा जा रहा था लेकिन हॉस्पिटल में मौत से पहले राहुल ने पुलिस और प्रशासनिक अधिकारियों के सामने बयान दिया कि चार नाकाबपोश बदमाशों ने उसपर मिट्टी का तेल डाल आग लगा दी।
जांच में जुटी पुलिस
स्कूल प्रशासन अभी भी इस बात (हत्या) को मानने को तैयार नहीं है। स्कूल प्रशासन के मुताबिक खुद ही केरोसिन लेकर आए छात्र ने स्कूल के एक कमरे में उस वक्त आत्मदाह कर लिया, जब विद्यालय में प्रार्थना सभा हो रही थी। राकेश कनवाल (15) रालाकोट का रहने वाला था। कनवाल माता-पिता का इकलौता बेटा था, उसकी दो बहनें हैं। पुलिस भी जांच में जुटी हुई है। उसे भी ये क्लियर करना है कि ये हत्या है या सुसाइड लेकिन राकेश के बयान ने पुलिस को सकते में डाल दिया है।
98 प्रतिशत जल चुका था राकेश
मामले के अनुसार सुबह करीब 9.40 बजे सभी छात्र-छात्राएं प्रार्थना के लिए चले गए। कुछ देर बाद राकेश की चिल्लाने की आवाज सुनाई दी। राकेश के कपड़ों में आग की लपटें उठ रही थीं। उन्होंने चटाई आदि से किसी तरह आग बुझाई, लेकिन तब तक वह बुरी तरह झुलस चुका था। विद्यालय प्रशासन ने तत्काल 108 एंबुलेंस को सूचना दी लेकिन एंबुलेंस उपलब्ध नहीं थी। इस पर प्रधानाचार्य दिनेश सिंह रावत और टीचरों ने कार से छात्र को तुरंत बेस अस्पताल अल्मोड़ा भेजा।उसकी नाजुक हालत देखते हुए उसे सुशीला तिवारी अस्पताल हल्द्वानी रेफर कर दिया, वहां पहुंचने पर डॉक्टरों ने उसे मृत घोषित कर दिया। बेस अस्पताल में ड्यूटी पर तैनात डा. प्रीति पंत के मुताबिक राकेश कनवाल करीब 98 प्रतिशत झुलस चुका था।
राकेश खुद लाया था कैरोसिन तेल
राकेश ने पुलिस को अपने बयान में बताया कि वो मिट्टी का तेल ब्लैक बोर्ड साफ करने के लिए लाया था। चार नकाबपोश युवक स्कूल में आए और उन्होंने उसके शरीर में केरोसिन डालकर आग लगा दी।