नई दिल्ली। जम्मू-कश्मीर की मुख्यमंत्री महबूबा मुफ्ती ने दावा किया कि सुरक्षा बलों को यह नहीं पता था कि आठ जुलाई को जहां मुठभेड़ हुई, वहां हिज्बुल मुजाहिदीन का कमांडर बुरहान वानी भी मौजूद था।महबूबा ने सवाल किया, ‘कोई हर मुठभेड़ के बारे में कैसे जान सकता है?’ उन्होंने कहा, ‘जहां तक मुझे पता है, जैसा कि मैंने पुलिस और थलसेना से सुना, कि उन्हें सिर्फ इतना पता था कि घर के भीतर तीन आतंकवादी मौजूद हैं, लेकिन यह नहीं पता था कि वे कौन हैं।’मुख्यमंत्री ने पत्रकारों से कहा कि यदि सुरक्षा बलों को दक्षिण कश्मीर के अनंतनाग जिले के कोकरनाग इलाके में स्थित मकान के भीतर बुरहान की मौजूदगी के बारे में पता होता, तो हालात को ऐसा होने से रोकना संभव होता ‘जैसे हालात आज हो गए हैं।’
उन्होंने कहा, ‘मुझे लगता है कि यदि उन्हें पता होता, तो हमारे सामने ऐसी स्थिति नहीं होती जब राज्य में कुल मिलाकर हालात बेहतर हो रहे थे।’महबूबा ने कहा कि पुलिस और खुफिया एजेंसियां कह रही हैं कि उन्हें नहीं पता था कि बुरहान वहां मौजूद था।
मुख्यमंत्री ने कहा कि सरकार को हालात पर काबू पाने के लिए पर्याप्त वक्त नहीं मिला, जैसा कि उस वक्त मिला था जब 2013 में संसद हमले के दोषी अफजल गुरू को फांसी दी गई थी।
महबूबा ने कहा, ‘जब अफजल गुरू को फांसी दी गई, तो (तत्कालीन मुख्यमंत्री) उमर जानते थे, इसलिए उन्होंने पहले ही सारे इंतजाम कर रखे थे।हमें तो कुछ पता ही नहीं था और हमें अचानक पता चला।लेकिन इसके बाद भी हमने कर्फ्यू लगाने की कोशिश की ताकि बच्चे बाहर न आएं।’
सुरक्षा बलों के साथ आठ जुलाई को हुई मुठभेड़ में बुरहान की मौत के बाद कश्मीर घाटी में भड़की हिंसा में अब तक 47 लोग मारे जा चुके हैं । करीब 3,000 सुरक्षाकर्मियों सहित 5,500 लोग जख्मी भी हुए हैं।
गौरतलब है कि बुरहान कश्मीर में हिजबुल मुजाहिद्दीन का पोस्टर बॉय था। सरकार ने इस आतंकी पर 10 लाख रुपए का ईनाम रखा था। 2011 में वह हिजबुल में शामिल हुआ था।
बुरहान को हिजबुल का टॉप कमांडर माना जाता था जिसने सोशल मीडिया के जरिये आतंकवाद को दक्षिणी कश्मीर में फिर से जिंदा किया। वह अक्सर वीडियो पोस्ट कर अपना प्रचार करता था जिसमें वह कभी क्रिकेट खेलते हुए तो कभी हथियारों की ट्रेनिंग देता नजर आता था। इन वीडियो में वह भारत सरकार के खिलाफ नफरत भी उगलता था।