नई दिल्ली। आम आदमी पार्टी के लिए पिछले कुछ महीने अच्छे नही जा रहे है। पहले से के 21 विधायकों को संसदीय सचिव बनाने के मामले में फंसी आम आदमी पार्टी के 27 और विधायकों की सदस्यता पर खतरा पैदा हो गया है। मामले पर राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी ने 27 विधायकों की सदस्यता रद् करने वाली याचिका चुनाव आयोग को भेज दी है। राष्ट्रपति ने चुनाव आयोग से मामले की जांच के निर्देश दिए है। है।
आम आदमी पार्टी के 27 विधायक लाभ के पद के मामले में फंसे हैं। इन विधायकों को अलग-अलग अस्पतालों में रोगी कल्याण समिति का चेयरमैन बनाया गया था। हालांकि इन 27 विधायकों में संसदीय सचिव मामले में फंसे कुछ विधायक भी शामिल हैं। कानून के छात्र विभोर आनंद ने चुनाव आयोग में एक शिकायत दी है। इसमें आरोप लगाया है कि 27 ‘आप’ विधायक रोगी कल्याण समिति में अध्यक्ष के पद पर होने के नाते लाभ के पद पर हैं। ऐसे में नियमों के तहत इन 27 ‘आप’ विधायकों की विधानसभा सदस्यता रद की जाए। विभोर आनंद ने अपनी शिकायत में यह तर्क दिया है कि रोगी कल्याण समिति में विधायक सदस्य के तौर पर शामिल हो सकता है, लेकिन अध्यक्ष के पद पर नहीं। इस सब में पार्टी की साख लगातार धूमिल हो रही है। पंजाब और गोव चुनाव में अपना दावा मजबूत करने की बात कर रही आप पार्टी अपनी जन्म भूमि दिल्ली में ही अपने अस्तित्व को बचाने में जुटी हुई है।