News आसाँ ये भी नही है By Haldwani Live News Desk Posted on 30/12/2016 Share Tweet Share Email Comments पहले हम अपनों का कहा करने को जीते थे अब अपनों को बनाये रखने को जीते हैं आसाँ वो भी नही था ये भी नही है यहाँ तो सोने की तरह तपना है हीरे के जैसे कोयले से ख़ुद को अलग करना है Related Items:अपनों, अलग करना है, जीते थे, हीरे Share Tweet Share Recommended for you आसाँ ये भी नही है