जिससे उन्हें ब्रह्म हत्या का पाप चढ़ा। जो एक राक्षस के रूप में उनके पीछे पड़ गया। इससे बचने के लिए इंद्र देव एक फूल में छुप गए और एक लाख वर्ष तक उन्होंने भगवान विष्णु की तपस्या की। तब भगवान् ने इस पाप से छुटकारे के लिए इंद्र को एक उपाय सुझाया। भगवान ने इन्द्रदेव से कहा कि वे इस पाप के कुछ अंश को पेड़, पृथ्वी, जल और स्त्री को दे दे। इंद्र ने इसके लिए चारों को मना लिया।
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