इंद्र ने ब्रहम हत्या के पाप का एक चौथाई हिस्सा पेड़ को दिया और साथ ही ये वरदान भी दिया कि वह अपने आप को कभी भी जीवित कर सकता है। पाप का एक चौथाई हिस्सा लेने पर पानी को वरदान मिला कि वह किसी भी वस्तु को स्वच्छ कर सकेगा। पृथ्वी को वरदान मिला की उसकी सभी चोटें अपने आप भर जाएंगी।इंद्र ने स्त्री को यह वरदान दिया कि वह पुरुषों की अपेक्षा काम यानी कि शारीरिक संबंध का आनंद दुगुना ले पाएंगी। वहीं इसके लिए स्त्रियों को हर माह मासिक धर्म की यातना भी झेलनी होगी। इंद्र द्वारा दिया गया ये वरदान स्त्रियों के लिए श्राप बनकर रह गया। तभी से स्त्रियां मासिक धर्म के रूप में ब्रहम हत्या का पाप उठा रही हैं।