हल्द्वानी: पाइल्स यानी की बवासीर ये काफी दर्दनाक बीमारी है। इसमे रोगी को बढ़ी तकलीफ का सामना करना पड़ता है। पाइल्स से ग्रस्त रोगी को बैठने में परेशानी होती है। इसके अलावा खून भी आने लगता है। एक सर्वे में सामने आया है कि50 की उम्र पार करने के बाद 50 फीसदी लोगों को ये शिकायत हो जाती है। हल्द्वानी साहस होम्योपैथिक क्लीनिक के डॉक्टर एनसी पांडे ने बताया कि इस बीमारी के पता लगते ही रोगी को डॉक्टर से संपर्क करने की जरूर है। कई लोग डॉक्टर के पास जाने में झिझकते हैं जिससे परेशानी और ज्यादा बढ़ जाती है। इस चक्कर में अक्सर ये बीमारी बढ़ जाती है और संक्रमण का खतरा बढ़ जाता है।
शुरू में रोगी को दर्द और जलन होती है लेकिन बीमारी के बिगड़ते ही खून आने लगता हैय़ पाइल्स में एनल या रेक्टल एरिया की ब्लड वेसल्स बड़ी हो जाती है जिसकी वजह से जलन के साथ दर्द होता है। पाइल्स होने की कई कारण हो सकते है। इसमें कब्ज, पाचन क्रिया के सही नहीं होने पर, बहुत भारी चीजें उठाने पर, गैस की समस्या होने पर, तनाव लेने पर, मोटापा होने पर और एनल सेक्स की वजह से हो सकता है।
हल्द्वानी साहस होम्योपैथिक क्लीनिक के डॉक्टर एनसी पांडे ने पाइल्स के इलाज के लिए होम्योपैथिक दवाएं बताई, जिसके सेवन से रोगी की परेशानी काफी हद तक कम हो सकती है।