यह मंदिर चूड़ामणि देवी का मंदिर है जहां पर चोरी करने से मनोकामना पूरी हो होती है। यह मंदिर रुड़की शहर के चुड़ियाला गाँव में सिद्धपीठ चूड़ामणि देवी का मंदिर स्थित है। इस मंदिर में ऐसी मान्यता है कि जब किसी दंपत्ति को पुत्र प्राप्ति की इच्छा होती है, तो वे पति-पत्नी दोनों मिलकर इस मंदिर में मत्था टेकते है और माता के चरणों से लोकड़ा (लकड़ी का गुड्डा) चोरी करके अपने साथ ले जाते है तो बेटा होता है। उसके बाद बेटे के साथ माता पिता को यहाँ आकर मत्था टेकना पड़ता है।
यह है परंपरा
मान्यता यहा है कि चूड़ामणि देवी का मंदिर लंढौरा रियासत के राजा द्वारा 1805 में बनवाया था। जब एक बार राजा शिकार करने जंगल आये थे तो उन्हें यहाँ पर माता के पिंडी रूप में दर्शन हुए। राजा का कोई पुत्र नहीं था इसलिए राजा ने माता से पुत्र प्राप्ति की मन्नत मांगी। राजा को बेटे की प्राप्ति हो गई तो उन्होनें यहाँ पर चूड़ामणि देवी का मंदिर बनवाया था। इस मान्यता की वजह से इस मंदिर में चोरी की परम्परा है। जब भी किसी दंपत्ति को पुत्र की प्राप्ति हो जाती है तो उन्हें यहाँ वापस आकर मत्था टेकना टेकते है और माता के चरण में एक लोकड़ा चढ़ाना पड़ता है। इसी परम्परा की वजह से इस मंदिर में भक्तों के द्वारा चोरी की जाती है ताकि उनकी इच्छा पूरी हो सके।