नई दिल्लीः सोशल मीडिया का प्रयोग आज लगभग हर देश और क्षेत्र में किया जा रहा है । सोशल मीडिया का जहा लाभ मिल रहा है तो वहीं हद से ज्यादा प्रयोग से करने के कारण बच्चों को अवसाद का कारण भी बन रहा है। जिसमें लड़कियों की संख्या ज्यादा बताई जा रही है । सोशल मीडिया के अधिक प्रयोग से डिप्रेशन में लड़कीयों की संख्या इस लिए भी अधिक है क्योंकि लड़कियों को लड़को के मुकाबले अधिक संवेदनशील माना जाता है। जिसके कारण लड़कियां अधिक डिप्रेशन में रहती है ।
अमेरिका के यूनिवर्सिटी कॅालेज लंदन के शोधकर्ता वोने केली की अगुआई में 1100 बच्चों में अध्ययन किया गया । जिसमें 14 वर्ष के बच्चे अध्ययन में लिए गये । अध्ययन में स्पष्ट हो गया की डिप्रेशन में जाने वालो में 40प्रतिशत लड़कीया जो 25प्रतिशत लड़के सोशल मीडिया के प्रयोग से डिप्रेशन में आ रहे है । वहीं सोशल मीडिया के प्रयोग से नींद ना आना भी एक बड़ी समस्या मानी जा रही है । शोधकर्ता वोने केली की अगुआई में 1100 बच्चों के अध्ययन में ही पता लगाया गया की सोश ल मीडिया के प्रयोग से 40 फीसदी लड़कीया और 28 फीसदी लड़के अपनी नींद ना आने का कारण मानते है ।
अध्ययन में लिए गये 1100 बच्चे 5 घंटे से ज्यादा सोशल मीडिया का प्रयोग करते थे। अध्ययन में लड़कियों ने माना कि सोशल मीडिया का अधिक इस्तेमाल का कारण ही उन्हें नींद की कमी का सामना करना पड़ रहा है । अध्ययन में यह भी सामने आया कि लड़कियों में अपने वजन या रंग-रूप को लेकर असंतोष या हीनभावना ज्यादा देखी जा रही है ।