बता दें कि पिछले साल नवंबर में उत्तराखंड पावर कॉरपोरेशन लिमिटेड (यूपीसीएल) जेई के 252 पदों के लिए परीक्षा हुई थी। जिसमें मालवीय चौक के समीप स्थित जीनियस एजूकेशन प्वाइंट कोचिंग सेंटर के 66 अभ्यर्थियों का चयन हुआ। आयोग के निर्देश पर मारे गए छापे के दौरान जिलाधिकारी ने कोचिंग सेंटर के तमाम दस्तावेज जब्त कर लिए। कोचिंग सेंटर के संचालक और वहां पढ़ने वाले छात्रों से भी डीएम ने पूछताछ की।
डीएम ने कोचिंग सेंटर संचालक चंद्रशेखर तिवारी से सेंटर में पढ़ने वाले छात्रों की संख्या और कोचिंग की फैकल्टी आदि के बारे में भी पूछताछ की। यूकेएसएससी की ओर से गत वर्ष पांच नवंबर को कराई गई यूपीसीएल जेई की परीक्षा में जिन 66 अभ्यर्थियों का चयन हुआ है, उनका रिकॉर्ड भी मांगा। कोचिंग सेंटर संचालक उनका कोई रिकॉर्ड नहीं दिखा पाए।
इस पर जिलाधिकारी ने कोचिंग सेंटर संचालक को फटकार लगाई। साथ ही सेंटर में जितने भी रजिस्टर व अन्य दस्तावेज थे, उन्हें प्रशासनिक टीम ने जब्त कर लिया। इसके बाद जिलाधिकारी ने कोचिंग कर रहे छात्रों से यूपीसीएल परीक्षा में चयनित हुए अभ्यर्थियों के बारे में पूछा। इस पर अभ्यर्थियों ने कहा कि जिनका चयन हुआ है, वह सभी उनके साथ पढ़ते थे, लेकिन कोचिंग संचालक की ओर से उन अभ्यर्थियों के बारे में कोई जानकारी नहीं दी गई।
फीस को लेकर भी कोई रजिस्टर या अन्य रिकॉर्ड नहीं मिले। उधर, कोचिंग सेंटर संचालक का कहना है कि मेहनत के बल पर अभ्यर्थियों का चयन हुआ है। जिससे कुछ कोचिंग सेंटर उनके खिलाफ झूठी शिकायत कर रहे हैं। उन्होंने डीएम के छापे के दौरान कहा कि वो प्रशासन को जांच के दौरान पूरा सहयोग करेंगे।
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