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कश्मीर से दूर नही हो रहा तनाव, पाकिस्तान व ISIS के झंडो के साथ लगे भारत विरोधी नारे


 नई दिल्ली- हिंसक घटनाओं और कश्मीर का कनेक्शन टूटने का नाम नही ले रहा है। कश्मीर में आंतकवाद व अलगावादियों के समर्थक खुलेआम पाकिस्तान व ISIS  का झंड़ा लहरा रहे है और भारतीय फौज पर पत्थर बाजी कर रहे है।   थल सेनाध्यक्ष जनरल बिपिन रावत की चेतावनी के बा द तो कश्कमीर की तस्श्मीवीर और भी ज्यादा हिंसक होती दिख रही है।घाटी में 33 सप्ताह बाद पहली बार शुक्रवार को हड़ताल तो नहीं हुई, लेकिन श्रीनगर के डाउन-टाउन के अलावा दक्षिण कश्मीर से लेकर उत्तरी कश्मीर के सोपोर तक नमाज-ए-जुमा के बाद जमकर हिंसा हुई। इसमें एक दर्जन लोग जख्मी हो गए। इस दौरान प्रदर्शनकारियों ने  देश विरोधी नारे भी लगाए। पिछले साल जुलाई में आतंकी बुरहान की मौत के बाद कश्मीर में यह पहला शुक्रवार था, जब पूरी वादी में कहीं भी अलगाववादियों ने बंद और हड़ताल का आह्वान नहीं किया था। इसका असर सामान्य जनजीवन पर पूरी तरह नजर आया और सभी दुकानें व अन्य प्रतिष्ठान खुले रहे। प्रशासन ने अलगाववादियों द्वारा नमाज-ए-जुमा के बाद राष्ट्रविरोधी प्रदर्शनों के ऐलान को देखते हुए सभी संवेदनशील इलाकों में सुरक्षा के कड़े प्रबंध किए थे। दोपहर तक स्थिति हर जगह शांत और सामान्य रही, लेकिन नमाज ए जुमा के बाद हालात बदलने लगे और विभिन्न इलाकों में हिंसक प्रदर्शनों का दौर शुरू हो गया। सबसे ज्यादा हिंसा श्रीनगर में डाउन- टाउन के नौहट्टा स्थित ऐतिहासिक जामिया मस्जिद के बाहर हुई। आजादी समर्थक नारेबाजी कर रही भीड़ ने पाकिस्तान और आतंकी संगठनों के झंडे भी लहराए। जीवे-जीवे पाकिस्तान, हम क्या चाहते हैं आजादी और ‘गिलानी का एक ही अरमान-कश्मीर बनेगा पाकिस्तान’ के नारे लगाते युवकों को पुलिस ने नौहट्टा चौक के पास रोका। पहले तो सुरक्षाकर्मियों ने पूरा संयम बरता, लेकिन जब पथराव कर रहे युवकों ने सुरक्षाबलों के एक वाहन को चारों तरफ से घेरते हुए उसे आग लगाने का प्रयास किया तो उन्होंने भी लाठियां और आंसूगैस के गोलों का इस्तेमाल किया। देखते ही देखते डाउन-टाउन के विभिन्न हिस्सों में पुलिस व प्रदर्शनकारियों के बीच हिंसक झड़पों का दौर शुरू हो गया। इसी दौरान दक्षिण कश्मीर के पुलवामा और उत्तरी कश्मीर के सोपोर में भी नमाज ए जुमा के बाद राष्ट्रविरोधी प्रदर्शनकारी सुरक्षाबलों द्वारा रोके जाने पर हिंसक हो उठे। उन्होंने सुरक्षाबलों पर पथराव करते हुए सार्वजनिक संपत्ति को भी नुकसान पहुंचाने का प्रयास किया। स्थिति को बेकाबू होते देख सुरक्षाकर्मियों ने भी बल प्रयोग किया।

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