हल्द्वानी: कामयाबी का मतलब एक शुरूआत से है जो एक नई उड़ान को पर देती है। अगर ये उड़ान बेटियों की पावर से हो तो उसकी अहमियत कुछ और ही होती है। आज कुमाऊं अपनी बेटियों पर गर्व कर रहा है क्योंकि उसकी बेटिया हर क्षेत्र में अपनी कामयाबी की मजबूत छाप छोड़ते हुए समाज को विकसित करने में अहम रोल अदा कर रही है। पीसीएस परीक्षा का नतीजा शुक्रवार को आया जिसमें कुमाऊं की तीन बेटियों ने अपना लोहा मनवाया जिसने सावन के पावन पर्व में देवभूमि को जश्न मनाने का मौका दिया। बेटियों ने ना केवल अपना नाम कमाया बल्कि कुमाऊं में उस बुराई पर भी चोट मारी जो कन्याओं को शिक्षा के रास्ते से दूर करती है। हमारे समाज के ये बेटियां उदाहरण है कि बेटियों को शिक्षा का हक अगर दिया जाए तो वो कुछ भी कर सकती है।
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