भवाली:नीरज जोशी/पंकज जीना: उत्तराखंड अपने प्राकृतिक सौंदर्य के लिए हमेशा से मशहूर रहा है। यहाँ जो भी सेलानी एक बार आया वो फिर आने को मजबूर हो जाता है। यहाँ जगह-जगह बने मंदिंरो में एक अलौकिक शक्ति सी महसूस होती है। यही सरोवर नगरी नैनीताल से 22 किमी आगे बढ़ने के बाद बाबा नीम करौली महाराज का मन्दिर है जो आस्था का प्रतिक है।जहाँ हर साल पंद्रह जून को स्थापना दिवस के रूप में मनाया जाता है।बाबा नीम करौली महाराज की आस्था इतनी है कि देश विदेश से भक्त आकर बाबा की सेवा करते है और लाखो की तादाद में श्रद्धालु भक्त प्रसाद पाने के लिए आते है। भक्तों का कहना है कि बाबा को सिर्फ मालपुवें ही पसंद थे इसलिए उन्हें गाय के घी से बने हुए मालपूवों का ही भोग लगाया जाता है। फिर बाबा के श्रद्धालु भक्तों को प्रसाद दिया जाता है। मंदिर ट्रस्ट मैनेजर विनोद जोशी ने हल्द्वानी लाइव को ख़ास मुलाक़ात में बताया कि मेले की सारी तैयारिया कर ली गयी है। और हर साल की तरह इस बार भी बाबा नीम करौली महाराज के मंदिर में भक्त पहुच रहे है। और सेवा दे रहे है उन्होंने बताया की बाबा के आशिर्वाद से इस बार भी भारी संख्या में भक्त प्रसाद पाने के लिए पहुचेंगे। मेले को सफल बनाने के लिए पुलिस प्रसाशन का भी पूरा सहयोग रहेगा। वही भवाली प्रभारी निरीक्षक उमेद सिंह दानू ने बताया की पुलिस प्रसाशन की तरफ से भी पूरी तैयारी कर ली गयी है। पंद्रह जून को भारी वाहन की आवाजाही बंद रहेगी। वाहनों को वाया रामगढ़ होते हुए भेजा जाएगा। जिससे यातायात को सुचारू रूप से संभाला जा सके। उन्होंने बताया मेले में चार सीओ चार कोतवाल एक सौ पचास सिपाही रहेंगे जिससे मेले में हर यक्ति पर नजर रखी जा सके। जेब कतरो व मनचलो पर भी नजर राखी जा सके। और भक्तों को सही से प्रसाद ग्रहण कर सके। भवाली रोडवेज एआरएम अमरनाथ सिंह ने बताया कि बारह सटल बसे सुचारू रूप से पंद्रह जून को बाबा के भक्तों के लिए चलाई जाएंगी। और दो सटल नैनीताल से भवाली चलेंगी। जिससे भक्तो को कोई परेशानी का सामना न करना पड़े।