नई दिल्ली। उत्तर प्रदेश के गोरखपुर बीआरडी मेडिकल कॉलेज का गम अभी भुला नहीं गया था कि महाराष्ट्र में नासिक के सरकारी अस्पताल में अगस्त माह में 55 बच्चों की मौत हुई । इस घटना के पीछे नासिक के सरकारी अस्पताल में पर्याप्त संख्या में वेंटिलेटर और ऑक्सीजन की कमी कारण बताया जा रहा है। अस्पताल की तरफ से डॉ जीएम होल ने बताया कि अस्पताल में 55 बच्चों की मौत की मुख्य वजह ये है कि उनके पास वेंटिलेटर नहीं हैं। डॉ. डॉ जीएम होल के मुताबिक, मैटरनल विंग में हमें 21 नए बेड की मंजूरी मिल गई है। लेकिन समस्या ये है कि हमें इसके लिए एक पेड़ काटने की जरूरत है और अब तक इसकी अनुमति नहीं मिली है।
महाराष्ट्र के नासिक जिले के जिला अस्पताल में अभिभावक अपने नवजात बच्चों को ठीक हो जाने की उम्मीद में इलाज के लिए लाते हैं लेकिन यह आंकड़े साबित कर रहे है कि अस्पताल जीवनदान नहीं बल्कि कब्र बन रहा है।अगस्त महीने में 350 नवजात बच्चों को इलाज के लिए यहां भर्ती कराया गया था लेकिन इनमें से 55 बच्चों की मौत हो गई। सिर्फ यही नहीं, बल्कि पिछले 5 महीनों में कुल 187 बच्चों की मौत हो चुकी है। परिजनों का आरोप है कि अस्पताल में ऑक्सीजन, वेंटिलेटर सहित अन्य जरूरी चिकित्सा सामान नहीं होने की वजह से बच्चों की सांसे रुक जा रही हैं। लेकिन प्रशासन इसके पीछे गलती नहीं बल्कि बच्चों की तबीयत को अधिक खराब बताने पर जोर दे रहा है।