हल्द्वानी: भाग दौड़ भरी इस जिन्दगी में शायद ही कोई व्यक्ति हो, जिसे पेट की गैस की परेशानी का अनुभव न हुआ हो। यह एक ऐसी बीमारी है, जो हर किसी को आसानी से जकड़ लेती है और बहुत परेशान भी करती है।गैस बनने के कई कारण होते हैं, जिनमें असंयमित होकर अनियमित आहार खाना , अधिक खट्टे, तीखे, मिर्च मसालेदार, बादी बढ़ाने वाले खाद्य पदार्थों का सेवन , देर रात तक जागना , भोजन में सलाद का अभाव, पानी कम पीना, चना, उड्द, मटर, मूग, आलू, मसूर, गोभी चावल आदि का अधिक सेवन करना, क्रोध शोक, चिंता जैसे मानसिक कारण, परिश्रम न करना, यकृत रोग की उपस्थिति, मांसाहार का सेवन आदि।पेट की गैस होने पर पीड़ित को कुछ लक्षण महसूस होते है जैसे – पेट में गैस भरी हुई मालूम होना, पेट और पीठ में दर्द, आंतों में गड़गड़ाहट, पेट साफ न होना, ठीक से नींद न आना, आलस्य व थकावट, सिर दर्द, भूख कम लगना, दिल की धड़कन बढ़ना, गैस के कारण सीने में दर्द , डकारें आना, छाती में जलन, सिर चकराना, नाड़ी दुर्बलता, और गैस निकलने पर आराम मिलना जैसे गैस के लक्षण देखने को मिलते हैं।
हल्द्वानी साहस होम्यो क्लीनिक के डॉक्टर एन.सी पाण्डे ने बताया कि फीट रहने के लिए पेट का स्वस्थ रहना जरूरी है। उन्होंने बताया कि गैस्ट्राइटिस वह अवस्था है जिसमें पेट के म्यूकोस सूजन आ जाती है। म्यूकोस में शामिल सेल एसिड और एंजाइमों का उत्पादन करते है, जो भोजन को पचाने में मदद करने के लिए भोज्य पदार्थ के बड़े अंश को छोटे-छोटे भाग में तोड़ने का काम करते है। यह म्यूकस का उत्पादन भी करता है जो एसिड की समस्या से बचाता है। गैस्ट्राइटिस एसिड, एंजाइमों और म्यूकस को कम उत्पादन की ओर ले जाता है। उन्होंने टेंशन को भी इसका कारण बताया।
डॉक्टर एन.सी पाण्डे ने गैस्ट्राइटिस निजात पाने के लिए होम्योपैथिक इलाज बताया-
- IRIS VERS 30 ( दो-दो बूंदे 10 दिन तक तीन बार)
- CAPSICUM 30 ( दो-दो बूंदे तीन बार )
- NATRUM PHOS 6X ( चार-चार टेबलेट तीन बार )
डॉक्टर एन.सी पाण्डे ने बताया कि अगर आपकी परेशानी जल्द दूर नहीं हो रही है तो आपको ये दवा रिपीट भी करनी पड़ सकती है। वो मानते है कि इन दवा से गैस्ट्राइटिस से ग्रस्त रोगी की परेशानी जरूर दूर होगी।