पीपल को वेदो में अमृतमय माना गया हैं। दुनिया का सब से ताकतवर जीव हाथी हैं जिसका ये बहुत ही पसंदीदा भोजन हैं और हिन्दू धर्म में भी ऐसी कई प्रथाए बनायीं गयी हैं जिस से हम पीपल के समक्ष ज़्यादातर जाए, ऐसा करना कोई अंध श्रद्धा नहीं थी बल्कि उस समय के ज्ञानी पुरुषो ने ऐसा विधान बनाया था क्युकी पीपल के नीचे बैठने से ही कई श्वांस सम्बंधित रोगो से मुक्ति मिल जाती हैं।भगवान श्री कृष्ण ने पीपल के वृक्ष की महिमा का बखान करते हुए विश्व प्रसिद्ध ग्रंथ गीता में कहा है-‘सब पेड़ों में उत्तम और दिव्य गुणों से सम्पन्न पीपल मैं स्वयं हूँ।’
प्रकृति ने बहुत सारी चीजो को हमारे शरीर के कुछ अंगो के आकार का बनाया हैं तांकि इसको देख कर हमे ये आभास हो के क्या इसका हमारे शरीर से कोई कनेक्शन हैं। इन्ही में से एक हैं पीपल। आप इसके पत्तो को गौर से देखिये। ये हमारे दिल के आकार के बने हैं। इनमे छिपा हुआ हैं हमारे स्वस्थ हृदय का राज़। पीपल की कोमल पत्तियों में हृदय को ताक़त और शान्ति देने की अद्भुत क्षमता हैं।
इसका प्रयोग कैसे करे- अगली स्लाइड पर पढ़े: