News जो चाहा वही By Haldwani Live News Desk Posted on 18/12/2016 Share Tweet Share Email Comments शेष जीवन से हमारी , यही तो कामना थी ,कि- किसी भटके को राह दिखाते पलायनवादी को जूझना सिखाते जीवन से हारे को सांसो का मोल बताते अब ये उसकी अदा वो ढाल बनाए या तलवार , नैया बनाए या पतवार , हमदर्द कहे ! या हमराज़ हम तो काम आ ही रहे हैं जो चाहा वही निभा रहे हैं | Related Items:कामना, पलायनवादी हमदर्द कहे ! या हमराज़, शेष जीवन Share Tweet Share