नई दिल्लीः रिजर्व बैंक ने डैबिट कार्ड भुगतान पर एमडीआर शुल्कों में एक अप्रैल से भारी कटौती का प्रस्ताव किया है ताकि विशेषकर छोटे दुकानदारों में डिजिटल लेनदेन को बढ़ावा दिया जा सके। केंद्रीय बैंक ने 20 लाख रुपए सालाना कारोबार वाले छोटे कारोबारियों तथा बीमा, म्युचुअल फंड, शिक्षा संस्थान व सरकारी अस्पताल जैसे विशेष श्रेणी के मर्चेंट हेतु एमडीआर शुल्क सौदा मूल्य का 0.40 प्रतिशत रखने का प्रस्ताव किया है।
केंद्रीय बैंक ने डैबिट कार्ड लेनदेन के लिए एमडीआर को युक्तिसंगत बनाने के बारे में मसौदा परिपत्र जारी किया है। उल्लेखनीय है कि डैबिट कार्ड के जरिए भुगतान आदि पर मर्चेंट डिस्काउंट रेट (एमडीआर) शुल्क लगाया जाता है। इस समय 2000 रुपए तक के लेनदेन पर अधिकतम 0.75 प्रतिशत एमडीआर लगता है जबकि 2000 रुपए से ऊपर की राशि पर यह दर एक प्रतिशत है। वहीं क्रेडिट कार्ड भुगतान पर एमडीआर पर रिजर्व बैंक ने कोई सीमा तय नहीं की है।
नोटबंदी के बाद रिजर्व बैंक ने इन शुल्कों में 31 मार्च तक कटौती की। मसौदा परिपत्र के अनुसार नए शुल्क एक अप्रैल से प्रभावी होंगे। इसके साथ ही रिजर्व बैंक का प्रस्ताव है कि दुकानों में ‘सुविधा या सेवा शुल्क का भुगतान ग्राहक को नहीं करना होगा’ की सूचना पट्टी लगानी होगी। रिजर्व बैंक ने एमडीआर शुल्क के लिहाज से कारेाबारियों को चार श्रेणियों में बांटने का प्रस्ताव किया है।