नई दिल्ली: मनुष्य का शरीर एक वरदान है। इसका ख्यास रखना हमारे हाथ में होता है। आजकल की भागदौड़ भरी जिंदगी में लोग अपने शरीर पर ध्यान नहीं देते है और शरीर कई बीमारियों की चपेट में आ जाता है। इस क्रम में ेकिड़नी में होने वाली पतरी भी है। पथरी का दर्द अहसाह होता है। हल्द्वानी साहस क्लीनिक के डॉक्टर नवीन चंद्र पांडे ने राइड साइड की किडनी में पथरी होने वाले दर्द से निजात पाने के लिए होम्योपैथिक इलाज बताया।
हल्द्वानी साहस क्लीनिक के डॉक्टर नवीन चंद्र पांडे ने बताया कि पानी कम पीने और ज्यादा तेल युक्त चीजें खाने से पथरी होती है। पानी कम मात्रा में पीने आदि कारणों से शरीर में जलीय-अंश की कमी यानी डिहाइड्रेशन होने की स्थिति में मूत्र में कमी और सघनता होती है, जिससे कैल्शियम आक्सलेट मूत्र में ही पाया जाता है या फॉस्फेट, अमोनियम फॉस्फेट, मैग्नीशियम कार्बोनेट आदि तत्त्व किडनी की तली में जमने लगते हैं और धीरे-धीरे पथरी का आकार ले लेते हैं।
पाचन प्रणाली की खराबी भी इसमें एक कारण होता है। मूत्राशय यानी ब्लैडर की पथरी स्त्रियों की अपेक्षा पुरुषों को ज्यादा होती है और इसका पता पेशाब करने में होने वाले कष्ट से चलता है। मूत्राशय की पथरी अविकसित देशों के गरीब लोगों में अधिकतर पाई जाती है और इसका कारण उनके आहार में फॉस्फेट और प्रोटीन की कमी होना होता है। पथरी के इन प्रकारों को मोटे तौर पर मूत्र-पथरी कहा जाता है, क्योंकि इनका सम्बन्ध मूत्र, मूत्राशय, मूत्रनलिका और गुर्दो से होता है।
विटामिन ‘डी’ की विषाक्तता तथा थायराइड ग्रंथि की अति सक्रियता के कारण शरीर में कैल्शियम के स्तर में बढ़ोतरी हो जाती है। साथ ही कैल्शियम युक्त पदार्थ अधिक खाने की स्थिति में भी गुर्दे में पथरी हो जाती है।
ऐसे फल-सब्जियां जिनमें आक्जलेट अधिक होता है, खाने पर जोड़ों में दर्द एवं गठिया वगैरह की स्थिति में अधिक यूरिक बनने के कारण भी क्रमश: आक्जलेट एवं यूरिक एसिड स्टोंस (पथरी) बन जाती है।
हल्द्वानी साहस क्लीनिक के डॉक्टर नवीन चंद्र पांडे ने बताई होम्योपाथिक दवाई
- Lycopodium Clavatus 30 CH (2-2 बूंदे दिन में तीन बार , आधा कप गर्म पानी के साथ)
- Berberis Vulgaris Q (15-20 बूंदे दिन में 3-6 बार)
- Cantharis Q (10 बूंदे दिन में 3-6 बार))