
तेरी अहमियत
तेरी क़दर
तू क्या जाने !
मेरे दिमाग से पूछ
दिल से सुन !
मेरी रूह से
महसूस कर !
तन की एक-एक
रग़ बयाँ करेगी
तेरे होने की
दास्ताँ
कि कितनी
नेमतों
कितनी मिन्नतो
के बाद
रब ने
मुझे तुझसे
नवाजा है !


तेरी अहमियत
तेरी क़दर
तू क्या जाने !
मेरे दिमाग से पूछ
दिल से सुन !
मेरी रूह से
महसूस कर !
तन की एक-एक
रग़ बयाँ करेगी
तेरे होने की
दास्ताँ
कि कितनी
नेमतों
कितनी मिन्नतो
के बाद
रब ने
मुझे तुझसे
नवाजा है !