
अपनी आँखों की
खूबसूरती के लिए
रातों को जागना
छोड़ दूँ ?
मैं तुझे सोचना
छोड़ दूँ ?
तुझे सोचे बिना
जो ये सो जाएँगी
तो कैसे तू
ख्वाबों में
आ पायेगा ?
कैसे होगी फिर
सुबह सुहानी सी
कैसे दिन
सुनहरी और
होंगी, रातें
चाँदी-चाँदी सी ?


अपनी आँखों की
खूबसूरती के लिए
रातों को जागना
छोड़ दूँ ?
मैं तुझे सोचना
छोड़ दूँ ?
तुझे सोचे बिना
जो ये सो जाएँगी
तो कैसे तू
ख्वाबों में
आ पायेगा ?
कैसे होगी फिर
सुबह सुहानी सी
कैसे दिन
सुनहरी और
होंगी, रातें
चाँदी-चाँदी सी ?