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देवभूमि का दशरथ माझी जिसनें अपने दम पर पहाड़ काट बना दी सड़क (वीडियो)


हल्द्वानी: विकास कार्य के लिए सरकार पर जिम्मा होता है। चुनाव के वक्त देश के छोटे-छोटे गांव में सरकारे जाती है और विकास का वादा करके आती है। लेकिन जीत के बाद की कहानी अभी भी वैसी ही है। उत्तराखण्ड में हालात ज्यादा खराब है। पहाड़ी इलाके होने के कारण भूस्खलन जैसी समस्या बारिश के मौसम में कॉमन और इससे कई बार सड़के खराब हो जाती है जो महीनो बाद भी ठीक नहीं होती। आज हम आपको ऐसे आदमी की कहानी बताने जा रहे है जो पहले एक फौजी के तौर पर अपनी सेवा देश को दे चुका है और अब समाज के लिए अपनी भागेदारी मौजूद कर रहा है।

नाम है बृजेश सिंह बिष्ट ।बृजेश उत्तराखंड के चम्पावत जिले के  खूनामलक गांव के हहने वाले है।गांव में अभी भी रोड नही है। निवासियों को इस कारण से काफी परेशानियों को सामने करना पड़ता है। लोगों को नेताओं का इंतजार रहता है कि वह आएंगे और हमे गांव को रोड देंगे। लेकिन आजादी के बाद से अभी तक ऐसा हुआ नहीं। ऐसे में फौजी बृजेश सिंह बिष्ट खुद एक सरकार बन गए। उन्होंने संकल्प लिया कि गांव के लिए सड़क बनाएंगे।

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बृजेश सिंह ने अपनी खून पसीने की कमाई गांव के लोगों के लिए लगा दी। जिस डेढ किलोमीटर रोड के निर्माण के लिए ग्रामीण सरकार का इंतजार कर रहे थे वो अकेले दम पर बृजेश ने कर दिखाया। रोड बनाने की शुरूआत बृजेश ने साल 2014 से की। जब भी वो छुट्टियों में गांव जाते थे तब पहाड़ काटकर सड़क बनाने के काम में जुट गये। बृजेश बिष्ट 2017 में सेना से रिटायर हुए। इसके बाद उन्होंने अपना पूरा ध्यान इस काम पर लगा दिया। परिवारवालों की नाराज़गी के साथ ही उन्हें लोगों के मजाकों को भी झेलना पड़ा। लेकिन लोगों का मजाक उनके भरोसो को नहीं तोड़ सका और तीन साल बाद उन्होंने गांव को रोड़ दे दी। बृजेश ने गांव के नेशनल हाइवे से जोड़ दिया और वह गांव के हीरो बन गए। अब बात ये सामने आती है कि क्या राजनीतिक दल केवल चुनाव के मौको पर ही लोगों के पास जाएंगे। क्या वोट के अलावा उनका और लोगों का कोई नाता नहीं है ये हम नहीं वो हर  शख्स पूछ रहा है जो बृजेश की कहानी सुन रहा है।

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