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देश के लिए रक्षाकवच की तरह है जीएसटी


नई दिल्ली। केंद्रीय वित्तमंत्री अरुण जेटली ने शनिवार को कहा कि देश भर में लागू वस्तु एवं सेवा कर (जीएसटी) एक आधुनिक व दक्ष कर प्रणाली है और इससे देश को काफी लाभ होगा। जेटली ने यहां शनिवार को इंस्टीट्यूट ऑफ चार्टर्ड अकाउंटैंट्स ऑफ इंडिया द्वारा आयोजित चार्टर्ड अकाउंटैंट्स दिवस समारोह को संबोधित करते हुए कहा, “सरकार जीएसटी के माध्यम से एक आधुनिक तथा दक्ष कर प्रणाली चाहती थी। और हम चाहते थे कि यह करदाता के अनुकूल, कराधान के अनुकूल तथा सरल प्रक्रिया हो। देश को जीएसटी से काफी लाभ होगा।”जेटली ने कहा कि जीएसटी पहचान संख्या लेने के बाद व्यापारियों को हर महीने की 10 तारीख से पहले अपने सॉफ्टवेयर में अपने मासिक लेन-देन को डालना होगा। उन्होंने कहा, “ऑटो पॉप्युलेटेड रिटर्न या मैचिंग खुद उपलब्ध हो जाएगा।”

मंत्री ने कहा कि कुछ लोगों ने जीएसटी के लिए कर की एक-दो दरों की दलील दी है। उन्होंने कहा, “फिलहाल यह संभव नहीं है। हम आने वाले वक्त में कुछ करों को समायोजित कर सकते हैं। 12 फीसदी तथा 18 फीसदी को मिलाकर एक किया जा सकता है। लेकिन अभी अगर हम एकमात्र 15 फीसदी की दर तय करें, तो गरीबों के इस्तेमाल में आनी वाली चीजें जैसे खाद्य पदार्थो की कीमतें प्रभावित होंगी।”जेटली ने कहा कि प्रत्यक्ष कर प्रगतिशील तथा अप्रत्यक्ष कर प्रतिगामी होता है।उन्होंने कहा, “कराधान नीति में समानता होना जरूरी है। मुझे पूर्ण विश्वास है कि सभी राजनीतिक दलों तथा राज्यों के सहयोग से देश ने जो कदम उठाया है, वह लाभकारी होगा।”मंत्री ने कहा कि किसी को भी जीएसटी के लागू होने से डरने की जरूरत नहीं है। जीएसटी को लागू करने को लेकर हुए कार्यक्रम से दूरी बनाने के लिए उन्होंने विपक्षी पार्टियों पर चुटकी लेते हुए कहा, “इससे किसी को डरने की जरूरत नहीं है। कुछ लोग डरे हुए हैं और उन्होंने इससे दूरी बना ली है।”जेटली ने कहा, “हम इसे प्रगतिशील बनाने को लेकर काम कर रहे हैं। कर निर्धारकों को इससे अधिकतम लाभ होगा।”कर रिटर्न को ऑनलाइन दाखिल करने के बारे में वित्तमंत्री ने कहा कि सरकार का प्रयास है कि करदाताओं को कर दाखिल करने के लिए कार्यालयों के चक्कर न लगाने पड़े।

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