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धर्म के नाम पर भाजपा घिरी, पहले धर्म बताया फिर छुपाया


नई दिल्लीः लोकसभा के चुनाव के साथ पार्टी के लोग अपने धर्म और जाति के दम पर भी वोट बटोरना चाह रहे हैं। काग्रेंस के राष्ट्रीय अध्यक्ष राहुल गांधी ने भी पिछले डेढ़ साल में हर अक मंदिर और मस्जिद के दर्शन करे है, जिसको लेकर भाजपा ने चुनाव के समय राहुल गांधी के मंदिर और मस्जिद के दौरो पर सवाल खड़े किये हैं। यह बात भी छुपी नहीं है कि भाजपा अपनी पार्टी को हिन्दुत्व से जोड़कर देखती है।

इस लिस्ट में 100 नाम हैं. इनमें बस स्मृति के नाम के आगे धर्म का ज़िक्र है. बाकी किसी का धर्म बताने की जरूरत नहीं समझी गई.

पर लोकसभा चुनाव के समय भाजपा धर्म को लेकर फंस सी गई है। भाजपा ने अपनी पहली लिस्ट होली की शाम को घोषित कर दी है। जिसमें अमेठी से एक बार फिर भाजपा ने स्मृति ईरानी को मौका दिया है। वैसे तो भाजपा ने 183 उम्मीदवार घोषित करे जिसमें सब अलग-अलग धर्म के थे और भाजपा मे किसी भी उम्मीदवार के नाम के आगे उसका धर्म नहीं लिखा था केवल स्मृति ईरानी के आगे उनका घर्म पारसी लिखा था शायद भाजपा स्मृति ईरानी के नाम के आगे पारसी लिख यह बताना चाह रही थी कि वह एक हिन्दू उम्मीदवार है। भाजपा ने अपनी पहली लिस्ट में केवल स्मृति ईरानी के धर्म को दिखाया है।भाजपा शायद ईरानी नाम को किसी अन्य धर्म से जोड़कर देख रहा है। यही कारण है कि भाजपा ने स्मृति ईरानी को पारसी बताना जरूरी समझा। कई बार स्मृति ईरानी ने अपने को हिन्दू धर्म का बताया है। वह बताती है कि उनके पति पारसी है पर उन्होने अभी भी अपना हिन्दू धर्म नहीं छोड़ा है।

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ये वही लिस्ट है. मगर बीजेपी ने इसे अपने यहां अपलोड करते समय पारसी वाला रेफरेंस हटा दिया. हटाया तो अच्छी बात है, लेकिन पहले डाला ही क्यों था.

वही भाजपा ने बाद में लिस्ट से स्मृति ईरानी के नाम के आगे से पारसी हटा दिया, जिसके बाद भाजपा सवालों के घेरे में खड़ी हो गई है। अब भाजपा से यह पुछा जा रहा है। कि पहले स्मृति ईरानी को पारसी क्यों बताया और फिर स्मृति ईरानी के नाम से पारसी क्यों हटाया गया था।

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