नई दिल्ली- भारतीय क्रिकेट को अपनी कप्तानी के बल पर नई ऊचांई देने वाले महेंद्र सिंह धोनी ने वनडे और टी-2 से कप्तानी छोड़ दी है। इसके बाद धोनी केवल एक खिलाड़ी की तौर पर टीम का हिस्सा बने रहेंगे।धोनी के इस फैसले से हर कोई सकते में है लेकिन क्रिकेट प्रेमी में जानते है कि धोनी का ये फैसला बिल्कुल सही समय में आया है। धोनी ने कप्तान के रूप में जो कामयाबी टीम को दिलाई शायद ही कोई उसकी भरपाई कर पाएगा। धोनी के इस फैसले को विराट कोहली की टेस्ट में अच्छी कप्तानी के साथ मिलाकर भी देखा जा रहा है। लेकिन ये बात पूरा क्रिकेट जगत जानता है कि विराट को कप्तानी के गुण धोनी से विरासत में मिली है। साल 2014 में धोनी ने टेस्ट क्रिकेट से संन्यास ले लिया था। धोनी दुनिया के एकलौते ऐसे कप्तान है जिन्होंने 3 तीनों आईसीसी ट्रॉफी अपने नाम की है।
इंग्लैंड के खिलाफ इसी महीने होने वाली वन-डे और टी20 सीरीज में मौजूद रहेंगे, लेकिन कप्तानी नहीं करेंगे। इंग्लैंड के खिलाफ सीरीज के लिए टीम सिलेक्शन 6 जनवरी को होना है। बता दें कि वन-डे में धोनी ने सबसे ज्यादा 110 मैचों में टीम को जीत दिलाई है। टी20 में टीम इंडिया धोनी की कप्तानी में 41 मैचों में जीती है।