देहरादून: हाईकोर्ट ने पूर्व में एसडीएम रुडकी द्वारा पुलिस को दिए सर्च वारंट पर रोक लगाते हुए उन्हें कोर्ट में उपस्थित होने के निर्देश दिए थे । कोर्ट के आदेश के क्रम में एसडीएम रुडकी बृहस्पतिवार को कोर्ट में पेश हुई । कोर्ट में उन्होने कहा कि क्षेत्राधिकार के तहत ही सर्च वारंट जारी किये गया था । न्यायमूर्ति सुधांशु धुलिया की पीठ ने सुनवाई के बाद कहा कि यह गाजियाबाद उनके क्षेत्राधिकार में नहीं आता है। इसके साथ ही कोर्ट ने सरकार को तीन सप्ताह में अपना जवाब दाखिल करने को कहा है ।
रुडकी निवासी सुधीर कुमार की पत्नी सुमिति ने हाईकोर्ट में याचिका दायर कर कहा कि उसके पति सुधीर ने रुडकी के एसडीएम के न्यायालय में याचिकाकर्ता को लेकर प्रार्थना पत्र दिया था ।
इसमें कहा गया था कि गाजियाबाद के कुछ लोगों ने उसकी पत्नी सुमिति को बंदी बना रखा है, इसलिए उनसे पत्नी को छु़ड़वाया था ।
एसडीएम ने तब सीआरपीसी की धारा 97 व 98 के तहत पुलिस को सर्च वारंट जारी करने के साथ सुमिति को न्यायालय में पेश करने के आदेश जारी किए। याचिका के मुताबिक पुलिस ने उसे एसडीएम कोर्ट में पेश भी कर दिया है ।जबकि वह पति के साथ नहीं रहना चाहती थी । उसके बाद सुमिति ने एसडीएम के सर्च वारंट को हाईकोर्ट में चुनौती दी । कहा कि एसडीएम ने अपने अधिकार क्षेत्र से बाहर जाकर यह वारंट जारी किया है ।
बंदी को कोर्ट में पेश करने का अधिकार केवल हाईकोर्ट को है । इसको मद्देनजर रखते हुए सर्च वारंट पर रोक लगा दी गई ।पूर्व में भी कोर्ट ने सर्च वारंट पर रोक लगा दी थी । पक्षों की सुनवाई के दौरान हाईकोर्ट की एकलपीठ ने सरकार को ज्लद जवाब दाखिल करने को कहा है । इसके लिए कोर्ट ने सरकार को तीन हफ्तों का समय दिया है ।