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पंकज ने की मां की रक्षा, पहाड़ के जाबाज़ को मिलेगा राष्ट्रीय वीरता पुरस्कार


नई दिल्ली: उत्तराखंड को एक बार फिर गौरवान्वित महसूस करने का अवसर प्राप्त हुआ है। देवभूमि का लाल देश के बहादुरों की लिस्ट में शूमार हुआ जिसे राष्ट्रीय पुरस्कार मिलेगा। टिहरी के रहने वाले पंकज सेमवाल का चयन राष्ट्रीय वीरता पुरस्कार 2018 के लिए किया गया है। पंकज ने अपनी वीरता का परिचय देते हुए गुलदार के मुंह से अपनी मां की जान बचाई थी। 26 जनवरी को पंकज को ये पुरस्कार खुद  राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद देंगे।

पंकज सेमवाल ने अपनी बहादूरी का परिचय 10 जुलाई को दिया था। घटना टिहरी गढ़वाल के प्रतापनगर के नारगढ़ गांव की है।  रात पंकज सेमवाल अपनी माता विमला देवी और अपने भाई-बहन के साथ दूसरी मंजिल पर घर के बरामदे में सो रहे थे। तभी रात 1 बजे गुलदार ने घर की सीढ़ियों से घात लगाई और विमला देवी पर हमला बोल दिया। गुलदार के हमले से मां विमला देवी ने हल्ला मचाना शुरू कर दिया। इतने में पंकज की नींद टूटी और पास में लगे डंडे को उठा लिया। उसके बाद उसने गुलदार पर लगातार वार किए। मां पंकज की आंखो के सामने घायल हो रही थी तो पंकज ने गुलदार पर ऐसे ऐसे वार किया कि उसे मजबूर होकर वहां से भागना पड़ा।

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शोर सुनकर सभी ग्रामीण घटना स्थल पर इकठ्ठा हो गए।  घायल विमला देवी को 15 किमी दूर अस्पताल पहुंचाया। बता दे कि पंकज के पिता नहीं है। मां खेतीबाडी कर घर चलाती है। उत्तराखंड राज्य बाल कल्याण परिषद ने घटना की गहन जांच-पड़ताल के बाद प्रदेश से 4 वीर साहसी बच्चों का नाम राष्ट्रीय वीरता पुरस्कार 2018 के लिए भेजा था। जिनमें कनिका (उधम सिंह नगर), पंकज सेमवाल (टिहरी गढ़वाल), ईश्वर सिंह (चमोली), अक्षय गुप्ता और युवराज चांवला (सयुंक्त) ऊधमसिंह नगर शामिल थे। भारतीय बाल कल्याण परिषद नई दिल्ली से फाइनल सलेक्शन पंकज सेमवाल का ही हुआ। पंकज की इस कामयाबी के बाद राज्य के कौने-कौने से उस बधाई आ रही है।

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