नई दिल्ली : पाकिस्तान की राष्ट्रीय राजनीति में संभवत पहली बार किसी हिंदू महिला का प्रवेश होने जा रहा है। पाकिस्तान पीपुल्स पार्टी (पीपीपी) ने सिंध प्रांत की थार सीट से सीनेट का चुनाव लड़ने के लिए कृष्णा कुमारी को पार्टी ने टिकट दिया है। कृष्णा यदि चुनाव जीतती हैं तो इस मुस्लिम बहुल देश में वह पहली हिंदू महिला सीनेटर होंगी। एक मीडिया रिपोर्ट में कहा गया है कि सिंध प्रांत में पूर्व प्रधानमंत्री स्व. बेनजीर भुट्टो के बेटे बिलावल अली जरदारी के नेतृत्व वाली पीपीपी बहुमत में है। ऐसे में कृष्णा के जीतने की संभावना बहुत अधिक है।
समा न्यूज चैनल की खबर के अनुसार, कृष्णा अपने भाई के साथ एक सामाजिक कार्यकर्ता के रूप में पीपीपी से जुड़ी थीं। बाद में उनके भाई को यूनियन काउंसिल बेरानो का चेयरमैन चुना गया। कृष्णा ने कहा कि उनके पास नामांकन पत्र दाखिल करने के लिए सभी आवश्यक दस्तावेज मौजुद हैं।
कृष्णा का जन्म 1979 में सिंध के नगरपारकर जिले के एक दूरदराज गांव में हुआ था। कृष्णा का संबंध स्वतंत्रता सेनानी रूपलो कोलही के परिवार से है। ब्रिटिश उपनिवेशों की सेना ने 1857 में जब सिंध पर हमला किया था, तब उसके खिलाफ रूपलो ने भी युद्ध में हिस्सा लिया था। कृष्णा जब 16 साल की थीं, तभी उनका विवाह लालचंद से हुआ। उस समय वह नौवीं कक्षा में पढ़ रही थीं। हालांकि शादी के बाद भी उन्होंने शिक्षा जारी रखी और 2013 में सिंध यूनिवर्सिटी से समाजशास्त्र में मास्टर डिग्री हासिल की।
पीपीपी ने पाकिस्तान की राजनीति को दी हैं कई महिला राजनेता
मालूम हो, पीपीपी ने देश को कई महिला राजनेता दिए हैं। इनमें देश की पहली महिला प्रधानमंत्री बेनजीर भुट्टो, पहली महिला विदेश मंत्री हिना रब्बानी खार और नेशनल असेंबली की पहली महिला स्पीकर फहमिदा मिर्जा शामिल हैं और अब वह देश को पहली हिंदू महिला सीनेटर देने जा रहा है ।