हल्द्वानी: पंजाब केसरी: हिंदुओं की आस्था के केंद्र एवं विश्व प्रसिद्ध धाम गंगोत्री व यमुनोत्री के कपाट आज श्रद्धालुओं के लिए खोल दिए जाएंगे। इसके साथ ही चारधाम यात्रा की आज से विधिवत शुरुआत हो जाएगी। वहीं, तीन मई को केदारनाथ धाम और छह मई को बदरीनाथ धाम के कपाट भी खुलेंगे। आज दोपहर 12:15 पर गंगोत्री व यमुनोत्री धाम के कपाट खुलेंगे। जिसके बाद देश-विदेश से आने वाले तीर्थयात्री दोनों धामों में पूजा-अर्चना तथा दर्शन कर पाएंगे।
रात्रि विश्राम के बाद सुबह आठ बजे गंगा की भोग प्रतिमा भैरवघाटी स्थित भैरव मंदिर से गंगोत्री के लिए रवाना हुई, जो करीब साढ़े दस बजे गंगोत्री धाम पहुंच गई। जहां गंगोत्री धाम में परंपरानुसार धार्मिक रीति-रिवाज तथा वैदिक मंत्रोच्चारण के साथ पूजा-अर्चना के बाद अक्षय तृतीया के इस पर्व पर 12.15 बजे मंदिर के कपाट श्रद्धालुओं के लिए खोल दिए जाएंगे।
कपाट खुलने के बाद छह माह तक गंगा की पूजा गंगोत्री धाम में होगी तथा इस दौरान श्रद्धालु मां गंगा के दर्शन गंगोत्री धाम में कर सकेंगे। जबकि मां यमुना की डोली उनके मायके व शीतकालीन प्रवास खरसाली से शनिदेव की डोली की अगुआई में यमुनोत्री के लिए रवाना हुई। दोपहर में यमुना की डोली यमुनोत्री धाम पहुंचेगी जहां विधिविधान से वैदिक मंत्रोच्चारण व पूजा-अर्चना के साथ 12.15 बजे मंदिर के कपाट खोले जाएंगे।
गंगोत्री धाम के कपाट हर वर्ष अक्षय तृतीया के दिन ही खुलते है और दीपावली के दिन बंद हो जाते हैं। पौराणिक कथाओं के अनुसार भगवान राम के पूर्वज रघकुल के चक्रवती राजा भागीरथ ने यहां पर एक शिलाखंड पर बैठकर भगवान शिव की कठोर तपस्या की थी। इस शिलाखंड के पास ही 18वीं सदीं में मंदिर का निर्माण किया गया। मां गंगा का यह मंदिर चमकदार सफेद ग्रेनाइट के 20 फीट ऊंचे पत्थरों से बना हुआ है।