नई दिल्ली। उत्तर प्रदेश में कांग्रेस को बड़ा झटका लगा है। अटकलों को सही साबित करते हुए उसकी पूर्व प्रदेश अध्यक्ष रीता बहुगुणा जोशी बीजेपी में शामिल हो गई हैं। बीजेपी के राष्ट्रीय अध्यक्ष अमित शाह की मौजूदगी में रीता की बीजेपी में एंट्री का ऐलान किया गया।
इधर, रीता बहुगुणा द्वारा पार्टी छोड़ने को कांग्रेस ने धोखा करार दिया। पार्टी ने कहा है कि भाजपा गद्दारों की फौज जुटा रही है। कांग्रेस नेता राज बब्बर ने कहा है कि रीता बहुगुणा के परिवार का इतिहास ही पाले बदलने का है।उन्होंने कहा कि यह निर्णय आसान नहीं था पर राष्ट्रहित के लिए मैंने ये निर्णय लिया है। 24 साल मैंने कांग्रेस की सेवा की है। मोदी जी का सेना को मुक्तहस्त करने का फैसला सराहनीय रहा है। कांग्रेस पार्टी के खून की दलाली के कमेंट से पूरा देश क्षुब्ध हुआ। ये देखकर मुझे दुख हुआ। सेना को विवाद नहीं चाहिए, सेना राजनीति में नहीं होती है।
रीता ने कहा कि कांग्रेस ने प्रशांत किशोर को बाहर से मंगाया है। मैं अमित शाह जी से कुछ दिन पहले ही मिली। बीजेपी का लक्ष्य देश का विकास है। मैं यूपी में बीजेपी को मजबूत करने में पूरी ताकत लगा दूंगी। उन्होंने कहा कि प्रदेश में खनन, भू, शराब माफिया सक्रिय हैं। अब इन दोनों दलों से प्रदेश को मुक्त करने का समय आ गया है।
प्रदेश में कांग्रेस के चुनावी रणनीतिकार प्रशांत किशोर प्रदेश में ब्राह्मण वोट बैंक को फोकस करने की रणनीति पर काम कर रहे हैं। इसी रणनीति के तहत कांग्रेस ने दिल्ली की पूर्व मुख्यमंत्री शीला दीक्षित को यूपी में सीएम चेहरा बनाया। रीता बहुगुणा जोशी ब्राह्मण समुदाय से हैं और पार्टी के ब्राह्मण चेहरों में सबसे आगे हैं। ऐसे में उनके बीजेपी के शामिल होने को कांग्रेस के लिए झटके के तौर पर देखा जा सकता है।
रीता बहुगुणा जोशी 2007-2012 तक प्रदेश कांग्रेस के अध्यक्ष पद पर भी रह चुकी हैं। वह एक जमीनी नेता के रूप में जाती हैं। यूपी में उन्होंने जनता से जुड़े अनेक मुद्दों पर सड़क पर संघर्ष किया और कार्यकर्ताओं के साथ आवाज बुलंद की।
गौरतलब है कि रीता बहुगुणा जोशी के भाई और उत्तराखंड के पूर्व मुख्यमंत्री विजय बहुगुणा जोशी पहले ही कांग्रेस को छोड़कर बीजेपी ज्वाइन कर चुके हैं। उस समय भी रीता बहुगुणा जोशी के बीजेपी में शामिल होने की अटकलें तेज हुई थीं, हालांकि तब उन्होंने ऐसी खबरों का खंडन किया था।