हल्द्वानी: 9 मार्च 2018
महिला दिवस के मौके पर उत्तराखण्ड के सीएम त्रिवेंद्र रावत ने हल्द्वानी पहुंचकर महिलाओं का सम्मान दिया। उन्होंने महिलाओं को समाज का अभिन्न हिस्सा करार दिया। इस मौके पर उन्होंने ई-रिक्शा चालक महिलाओं को सम्मान दिया। इस कार्यक्रम के मौके पर हंगामा भी खूब हुआ। सीएम के कार्यक्रम के दौरान एक महिला ने हंगामा शुरू कर दिया। उन्होंने कहा कि जिन लोगों को रिक्शा चलाना नहीं आता उन्हें सरकार सम्मान और रिक्शा दे रही है। महिला का नाम रानी मसीहा है और वो गांधीनगर की रहने वाली है।
रानी मसीहा ने कहा कि वो पिछले डेढ़ साल से ई-रिक्शा चला रही हैं। परिवार की आर्थिक स्थिति ठीक नहीं है और इसलिए उन्हें रिक्शा चलाना शुरू किया। उन्होंने अखबार में छपी खबर को अपने रिक्शा चलाने की प्रमाण बताया। वो कार्यक्रम में दिसंबर 2016 में छपी खबर के साथ पहुंची। रानी के हंगामें ने पुलिस प्रशासन में हड़कंप मचा दिया। कार्यक्रम के दौरान हंगामा ना बढ़े इसके लिए पुलिस ने उन्हें थाने में नजरबंद कर दिया। सीएम के कार्यक्रम के खत्म होने के बाद पुलिस ने उन्हें छोड़ दिया।
मुख्यमंत्री ने कहा कि हमारे समाज में महिला जन्म से लेकर मृत्यु तक जीवन के हर पहलू का आधार है, और अगर हम अपने आधार को मजबूत नही कर पाते तो हम कभी पूर्ण नहीं हो सकते। उन्होंने कहा कि महिला उत्थान के लिए हमें भी कुछ रूढ़ियों, असमानताओं और अन्ध विश्वासों का विनाश करना होगा। हमें महिलाओ के बेहतर भविष्य के लिए उनका वर्तमान संवारना होगा, इसलिए बेटियों की सुरक्षा, शिक्षा, समृद्धि और सशक्तिकरण के लिए हमें अभी से कदम उठाने होंगे।
रानी मसीहा ने कहा कि सरकार ने उन्हें भी सम्मान देना चाहिए। वो भी रिक्शा चालक है। कार्यक्रम में मुख्यमंत्री द्वारा 24 पात्र लाभार्थियों को जिनमें से 5 महिलाएं भी शामिल हैं को ई-रिक्शा प्रदान किए। आयोजित कार्यक्रम में पात्र लोगों को ई-रिक्शा की चाबियां सौपी गईं।कार्यक्रम को सम्बोधित करते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि सहकारी बैंक की ओर से ई-रिक्शा देकर गरीबों विशेषकर महिलाओं को स्वरोजगार से जोडने का प्रशंसनीय प्रयास किया गया है। इसके साथ ही महिला सशक्तिकरण की दिशा में यह महत्वपूर्ण कदम होगा।