
कई बार सोचा
तेरी खामोशियों
का जवाब
मैं , भी
खामोशियों
से दे दूँ
जुबां पे ताला
हाथों में बंदिशें
और पैरों में
बेड़ियां
डाल लूँ
पर अगले ही
पल कोई
सदा सी आती है
जो मेरी इन
सभी होशियारियों
पर भारी
पड़ जाती है


कई बार सोचा
तेरी खामोशियों
का जवाब
मैं , भी
खामोशियों
से दे दूँ
जुबां पे ताला
हाथों में बंदिशें
और पैरों में
बेड़ियां
डाल लूँ
पर अगले ही
पल कोई
सदा सी आती है
जो मेरी इन
सभी होशियारियों
पर भारी
पड़ जाती है