नई दिल्ली: कनेक्शन लेते वक्त मोबाइल कंपनिया तरह-तरह के अपने साथ जुड़ने के फायदे गिनाती है। लेकिन त्योहारों के वक्त वो अपना फायदा जुटाने में लग जाते है। दीवाली हो या होली, स्वतंत्रता दिवस हो या गणतंत्र दिवस, नववर्ष हो या कोई अन्य त्यौहारों के मौके पर मोबाइल कंपनियां ग्राहकों के साथ सौतेला व्यवहार करती है। त्योहार से 1-2 दिन पहले ग्राहक के पास एक संदेश आता है जिसमें कंपनी एसएमएस और अन्य किसी रेट कटर को बंद करने की बात करती है। जिसके आपको वाउचर भरवाने के बाद भी पैसे देने पड़ते है।
जबकि सेवा प्रदाता कंपनियां प्रीपेड और पोस्टपेड उपभोक्ताओं को इस बारे में पहले से किसी भी तरह की न तो जानकारी देती है और न ही किसी तरह का समझौता इससे पहले दोनों के बीच हुआ होता है। आइडिया, वोडाफोन हो या एयरटेल सहित कई कंपनियां इस बार भी ग्राहकों को इस तरह के संदेश भेज चुकी हैं। ये कंपनियां खुद तो इस तरह के हथकंडे अपनाकर कमाई करने में आगे रहती हैं लेकिन उपभोक्ताओं की समस्याओं से इनका कोई सरोकार नहीं होता है। एक तो ये उपभोक्ताओं पर अतिरिक्त बोझ डालती हैं और ऊपर से खराब सेवा का दंश भी उपभोक्ताओं को हीं झेलना पड़ता है।