News ये अहसास बहुत है ! By Haldwani Live News Desk Posted on 25/03/2017 Share Tweet Share Email Comments तेरे मेरे दिल का रिस्ता अभी-अभी अंकुरित हुआ है अभी लताएँ नई-नई हैं अभी पत्तियां बड़ी कोमल हैं अभी तो पौधा और बढ़ेगा अभी सघन ये वृक्ष बनेगा ! फलों की लालसा मुझे नहीं है तपती दोपहरी में दो राहगीरों को शीतल घनी छाँव ये देगा मेरा ये अहसास बहुत है तेरा ये अहसान बहुत है ! Related Items:घनी छाँव, दिल का रिस्ता, नई-नई, सघन Share Tweet Share