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रानी पद्मावती के सम्मान में धनंजय सिंह ने बुलंद की अपनी आवाज


लखनऊ: पद्मावती फिल्म के रिलीज़ होने से पहले विवाद पैदा हुआ है। लोगों ने फिल्म के प्रसारण पर रोक लगाने की मांग की है। इसके लेकर देश भर में विरोध चल रहा है। जौनपुर विधानसभा से पूर्व सांसद धनंजय सिंह ने भी टिप्पणी की है। उन्होंने अपने फेसबुक अकाउंट पर पोस्ट के जरिए निंदा जाहिर की है। पूर्व सांसद के अनुसार फिल्म में रानी पद्मावती के मौलिक चरित्र के स्थान पर मनगढ़ंत चरित्र पेश कर फिल्म के निर्माता संजयलीला भंसाली ने न केवल क्षत्रिय गौरव को अपितु सम्पूर्ण किया है। ये भारतीय जनमानस की भावनाओं को आहत किया है।

मित्रों फिल्म उद्योग से जुड़े कुछ लोगों की यह प्रवृत्ति बन गयी है कि अपने व्यवसायिक हित के लिये विवाद को जन्म देते हैं और हमारे पूर्वजों के यशस्वी और गौरवशाली इतिहास को गलत तरीके से पेश कर रहे हैं।अभिव्यक्ति की स्वतन्त्रता के संवैधानिक अधिकार का दुरूपयोग कर, जनभावना को आहात किया जा रहा है।  उन्होंने केन्द्र सरकार,राज्य सरकार तथा केन्द्रीय सूचना प्रसारण राज्य मंत्री  राज्यवर्धन सिंह राठौर जी से विशेष रूप फिल्मों को प्रतिबंधित करने की अपील की है।

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उन्होंने  फ़िल्म जगत के ही महान कवि प्रदीप (गीतकार) की कविता के माध्यम से अपने विचार सामने रखे।
” ये हैं अपना राजपूताना नाज़ इसे तलवारों पे
इसने सारा जीवन काटा बरछी तीर कटारों पे
ये प्रताप का वतन पला हैं आज़ादी के नारों पे
कूद पड़ी थी यहाँ हज़ारों पद्मिनियाँ अंगारों पे “से हमें प्रेरणा लेते हुए वर्तमान पीढ़ी को वास्तविक इतिहास से अवगत कराना चाहिए ।हम लोग अपने विद्यार्थी जीवन से ऐसी ही रचनाएं व तथ्य पढ़ते आये हैं । उन्होंने संजय लीला भंसाली अपने तुच्छ व्यावसायिक हित के लिए तथ्यों को गलत तरीके से पेश करने के आरोप लगाए है। उन्होंने कहा कि संजय लीला भंसाली  यह समझना चाहिए कि उनके इस कृत्य से उनकी आने वाली पीढियां भी उनसे शर्मिंदा होंगी। हमारे पूर्वजों के मौलिक चरित्र को उनके यश और कीर्ति के अनुरूप प्रदर्शित किया जाना चाहिए ।हमारी अस्मिता के साथ खिलवाड़ करने की छूट कतई नहीं दी जा सकती।

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