हल्द्वानी: क्रिकेट भारत में एक धर्म माना जाता है। क्रिकेटरों की लोग भगवान की पूजा करते है। इस क्रम में सचिन तेंदुलकर का नाम सबसे पहले आता है। सचिन केवल भारत में ही नहीं पूरी दुनिया के लोगों के दिल में बसते है। सचिन ने क्रिकेट को नया रूप दिया। जिस खिलाड़ी ने साल 1989 में अपने करियर की शुरुआत की उन्होंने साल 2013 में क्रिकेट को अलविदा बोल दिया। जीं हा 16 नवंबर 2013 को सचिन ने वेस्टइंडीज के खिलाफ खेलते हुए अपनी क्रिकेट की 24 साल की यात्रा को रोका था। इस दिन पूरा भारत गम में था क्योंकि जिस खिलाड़ी ने देश के नाम को पूरी दुनिया में रोशन किया वह खुद मैदान में दिखाई नहीं देगा। सचिन को केवल खिलाड़ी ही बल्कि एक इंसान के रूप में भी बच्चे अपना आदर्श समझते है। वह खुद कहते है उनके पिता चाहते थे कि वह पहले एक अच्छे इंसान बने फिर एक क्रिकेटर।
मास्टर ब्लास्टर सचिन तेंदुलकर भारत ही नहीं बल्कि दुनिया के महान बल्लेबाजों में से एक हैं। टेस्ट और वन-डे, क्रिकेट के दोनों ही फॉर्मेट में सर्वाधिक रन सचिन के नाम हैं। सचिन ने 15 नंवबर 1989 को पाकिस्तान के खिलाफ अपने करियर की शुरुआत की थी। सचिन ने भारत के लिए 200 टेस्ट खेले और 53.78 की औसत से 15921 बनाए। वहीं वनडे में उन्होंने रिकॉर्ड 463 मैच खेले और 18426 रन बनाए। सचिन दुनिया के पहले खिलाड़ी है जिन्होंने पहली बार वनडे में 200 रन का आंकडा छुआ था। वही सचिन के नाम इंटरनेशनल क्रिकेट में करीब 200 विकेट भी है।
सचिन के अंतिम टेस्ट मैच का वीडियो आज भी उनके फैंस को भावुक कर देता है। सचिन युवाओं को हर वक्त बोलते रहते है कि उन्हें अपने सपनों का पीछा करना कभी नहीं छोड़ना चाहिए। उनका सपना भारत के लिए विश्वकप जीतना था और वो 22 साल बाद पूरा हुआ। सचिन को भारत सरकार ने भारत रत्न से भी सम्मानित किया ।
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