हल्द्वानी: मौसम के बदलने के समय होता है। जब भी मौसम बदलता है तब तापमान के उतार-चढ़ाव के कारण शरीर का प्रतिरक्षी तंत्र (immune system) थोड़ा कमजोर हो जाता है जिसके कारण वायरस से शरीर जल्दी संक्रमित (infected) हो जाता है।वैसे तो वायरल फीवर के लक्षण अन्य आम फीवर के तरह ही होते हैं मगर इसको नजर अंदाज करने पर अवस्था गंभीर हो सकती है। फीवर होने के प्रथम अवस्था में गले में दर्द, थकान, खाँसी आदि होता है। जिसको लोग नजरअंदाज कर देते हैं, और इसी नजर अंदाज के कारण वायरस को पनपने में आसानी होती है
यह भी पढ़े: इन दवाओं से शुगर कन्ट्रोल होगा
जब शरीर वायरस से संक्रमित होता है तब शरीर में यह लक्षण नजर आते हैं-
थकान मांसपेशियों या बदन में दर्द,तेज बुखार,ग्रस्नी ( pharynx) में सूजन, सर्दी, गले में दर्द, सर दर्द, आँखो में लाली और जलन का अनुभव, खाँसी, जोड़ो में दर्द,दस्त (diarrhea),त्वचा के ऊपर रैशज़
वैसे तो वायरल फीवर से लड़ने के लिए डॉक्टर एन्टीबायोटिक (antibiotic), एस्पिरिन (aspirin) और पेरासिटामोल (paracetamol) जैसे दवाईयाँ देते हैं, जिससे जल्द राहत मिल जाती है। लेकिन हल्द्वानी साहस होम्यो क्लीनिक के डॉक्टर एन.सी पाण्डे ने होम्योपैथिक इलाज बताया जिससे बिना किसी बिना किसी पार्श्व प्रभाव(side effect) के परेशानी दू हो सकती है।
https://youtu.be/DjI0xxGpsYg
होम्योपैथिक दवा:
- DULCAMARA 30 ( हफ्ते में एक बार दो-दो बूंदे तीन बार)
- INFLUENZIUM 30 ( हफ्ते में एक बार दो-दो बूंदे तीन बार)
- RHUS TOX 30 ( दो-दो बूंदे दिन में तीन बार ) इस दवा को आप 3-5 दिन तक ले सकते है।
- ACONIT-30 (1 Drop)+BRYONIA -30( 1 DROP)+GELSEMIUM 30( 1 DROP)+EUPTORIUM PERF.30 ( 1 DROP) [ इन सभी दवा को एक ग्लास पानी में डाल ले और हर एक-एक घंटे में ले इससे बुखार के कारण होने वाली परेशानी से निजात मिलेगा।
- AF 200 ( 4-4 टेबलेट तीन बार )