हल्द्वानी: गर्दन में दर्द होना एक आम समस्या बन गई है और अब तो इस बीमारी का उम्र से भी कुछ लेना देना नहीं रहा। हल्द्वानी साहस होम्यो क्लीनिक के डॉक्टर एन.सी पाण्डे ने बताया की कुछ सालों मे अगर हम गौर करें तो सरवाईकल स्पान्डयलोसिस के रोगियों मे बेतहाशा वृद्दि हुयी है। इसके कई कारण हो सकते हैं, जैसे लम्बे समय तक डेस्क वर्क या पढ़ाई-लिखाई करना, कठोर तकिए का इस्तेमाल करना, टेढे-मेढे होकर सोना, अथवा लेटकर टीवी देखना आदि।
- डॉक्टर एन.सी पाण्डे के अनुसार जब भी कुर्सी या सोफ़े पर बैठें तो पीठ को सीधी रखें तथा घुटने नितम्बों से ऊँचे होने चाहिये।
- गाडी चलाते समय अपनी पीठ को सीधी रखें।
- कोमल, फ़ोम के गद्दो पर लेटना छोडकर तख्त का प्रयोग करें।
- ज्यादा देर लेट कर टीवी न देखें और लगातार कंप्यूटर पर न बैठें अगर ऐसा करना जरुरी है तो अपनी गर्दन को थोडी थोडी देर में इधर उधर घुमा लें।
उन्होंने सरवाईकल स्पान्डयलोसिस के दर्द से निजात पाने के लिए होम्योपैथिक दवा बताई:
- CONIUM 30 ( आधे कप पानी में मिलाकर 5 बूंदे दिन में तीन बार)
- SPONDILITIS (5 टेबलेट दिन में तीन बार)
- Mag.Phos 6x ( 4 टेबलेट दिन में दिन बार )
- Theridion 30 ( चक्कर आने की स्थिति में )