देहरादून: उत्तराखण्ड का विकास निवेश मांग रहा है। इस विषय पर टीम त्रिवेंद्र रालत लगी हुई है। इस संबंध में सीएम त्रिवेंद्र रावत ने यश बिड़ला ग्रुप के चेयरमेन यशोवर्द्धन बिड़ला के साथ बुधवार को मुलाकाता की। उन्होंने अपनी इस मीटिंग के बारे में सोशल मीडिया पर भी पोस्ट किया। सीएम ने यशोवर्द्धन बिड़ला को उत्तराखण्ड में निवेश का न्योता दिया। सीएम त्रिवेंद्र रावत पहले भी उत्तराखण्ड में निवेश के संसाधनों के बारे में बता चुके है।
वो राज्य के उत्पादकों को ब्रांड बनाने में जुटे हुए है। इस बैठक में बैठक में प्रमुख सचिव मनीषा पंवार, सचिव डॉ भूपिंदर कौर औलख, नितेश झा, अपर सचिव आशीष श्रीवास्तव, डॉ मेहरबान सिंह बिष्ट, मुख्यमंत्री के विशेष कार्याधिकारी अभय सिंह रावत, यश बिड़ला ग्रुप निर्बान बिड़ला, गुलशन ठाकुर, शालिनी, अशोक भूनिया व एनएस बिष्ट उपस्थित थे।
मुख्यमंत्री आवास में यश बिरला ग्रुप के चेयरमैन यशोवर्धन बिरला ने भेंट की। इस दौरान यश बिरला के प्रतिनिधियों से उत्तराखंड में शिक्षा, स्वास्थ्य, आयुष, आयुर्वेद व उद्योगों में निवेश पर चर्चा हुई।
— Trivendra Singh Rawat (@tsrawatbjp) January 3, 2018
यश बिड़ला ग्रुप भी उत्तराखंड में शिक्षा, स्वास्थ्य, आयुष, आयुर्वेद पंचकर्म व उद्योग के क्षेत्र में निवेश की संभावनाओं को टटोल रहा है। मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र रावत ने भरोसा दिलाया कि बिड़ला ग्रुप के निवेश संबंधी प्रस्तावों पर शीघ्र कार्यवाही की जाएगी। उन्होंने ग्रुप के प्रतिनिधि को उत्तराखंड में नियुक्त करने पर जोर दिया, ताकि प्रस्तावों पर अमल किया जा सके।
मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र रावत ने कहा कि राज्य के पर्वतीय क्षेत्रों में स्थानीय उत्पादों पर आधारित उद्योगों की स्थापना के लिए भूमि की व्यवस्थाएं की जा रही हैं। यशोवर्द्धन बिड़ला के प्रस्ताव पर मुख्यमंत्री ने ऋषिकेश व देहरादून में आयुर्वेद पंचकर्म की स्थापना, स्वर्गाश्रम गंगोत्री व यमुनोत्री में चिकित्सालय की स्थापना, टीचर ट्रेनिंग, स्पोकन इंगलिश, स्कूलों की स्थापना, व सूचना संचार तकनीकी के क्षेत्र में योगदान के साथ ही केदारनाथ के पुनर्निर्माण में केदारनाथ उत्थान ट्रस्ट के माध्यम से सहयोग की अपेक्षा की। मुख्यमंत्री ने कहा कि पर्वतीय क्षेत्रों में जैविक उत्पादों के साथ ही जड़ी-बूटियों की बहुतायत है। यदि ऐसे स्थानीय उत्पादों पर आधारित उद्योग इन क्षेत्रों में स्थापित होंगे तो स्थानीय कास्तकारों की आर्थिक स्थिति मजबूत होगी व स्थानीय उत्पादनों के प्रति जुड़ाव बढ़ेगा। राज्य में युवा पूर्व सैनिकों की बहुतायत है। उनके स्वयं सहायता समूह गठित कर स्थानीय उत्पादों को बढ़ावा दिया जा सकता है। इससे उद्योगों को उनकी जरूरत के मुताबिक कच्चे माल की उपलब्धता हो सकेगी।
यश बिड़ला ग्रुप के चेयरमैन यशोवर्द्धन बिड़ला ने कहा कि वह देवभूमि की सेवा के लिए हर वक्त तैयार है। उन्होंने राज्य में टूल्स उद्योग, खाद्य प्रसंस्करण व हर्बल उद्योग की स्थापना की इच्छा व्यक्त की। उन्होंने माना कि राज्य का माहौल उद्योगों के अनुकूल है। मुख्यमंत्री की अपेक्षा के मुताबिक उन्होंने चार धाम यात्रा अवधि में अपने नासिक व पिलानी के चिकित्सकों के चिकित्सा कैंप आयोजित करने व चिकित्सकों की उपलब्धता में सहयोग के लिए आश्वस्त किया। उन्होंने राज्य के 30 स्कूल गोद लेने की इच्छा भी जताई। इस मौके पर पर्यटन सचिव दिलीप जावलकर ने केदारनाथ पुनर्निर्माण से संबंधित कार्ययोजना प्रस्तुत की।