हल्द्वानी:शिक्षा ढांचे में सुधार की ओर उत्तराखण्ड सरकार ने बड़ा कदम उठया है। अभिभावकों द्वारा अक्सर शिकायत की जाती है कि स्कूल में टीचर नहीं आते है। राज्य में ऐसा माहौल सरकारी स्कूलों का है। इस कारण से सरकारी स्कूलों में शिक्षा का स्तर नीचें गिरता जा रहा है। सीएम त्रिवेंद्र रावत सरकार से परेशानी का शानदार तोड़ निकाला है। अब अध्यापकों को स्कूल में अपनी मौजूदगी दर्ज कराने के लिए सेल्फी लेने होगी।सरकारी शिक्षकों को अपनी हाजरी के सबूत देने के लिए सिर्फ दस्तखत ही नहीं करने होंगे। बल्कि सभी शिक्षकों को अब अपनी सेल्फी भी लेनी पड़ेगी। शिक्षकों को अपनी बायोमीट्रिक हाजिरी तो लगानी ही पड़ेगी, लेकिन इसके साथ साथ स्मार्टफोन ऐप्लीकेशन के जरिए भी अपनी हाजिरी लगानी पड़ेगी। उत्तराखंड सरकार इस व्यवस्था को जल्दी ही लागू कर सकती है। बताया जा रहा है कि इसके लिए उज्जवल नाम की मोबाइल ऐप तैयार की गई है। उज्ज्वल एप के जरिये तमाम शिक्षक अपनी सेल्फी लेंगे और उसे उत्तराखंड एजूकेशन पोर्टल पर अपलोड करेंगे।यह एप शिक्षा विभाग के खंड शिक्षाधिकारी बृजपाल सिंह राठौर ने तैयार किया है। मंगलवार को इस एप का डेमो विद्यालयी शिक्षा मंत्री अरविंद पांडेय के समक्ष दिया गया।
इस एप का दो दिवसीय प्रशिक्षण बुधवार और बृहस्पतिवार को हना है। इसके बाद अफसरों को जिलों और ब्लाकों के शिक्षकों को प्रशिक्षण देने के लिए भेजा दिया जाएगा। शिक्षकों के प्रशिक्षण लेने के बाद इस पर हाजिरी लगनी प्रक्रिया शुरू हो जाएगी।विद्यालयी शिक्षा मंत्री पांडेय ने बताया कि टाइम से हाजिरी लगाने का कड़ाई से पालन कराया जाएगा। मोबाइल एप से हाजिरी लगाने की विधि में शिक्षक अपने फोन से सेल्फी लेगा। इसे सॉफ्टवेयर के माध्यम से पोर्टल पर अपलोड कर दिया जाएगा। इससे शिक्षक की उपस्थिति दर्ज हो जाएगी। इसके अलावा इससे टीचरों की लोकेशन भी मिलती रहेगी। कई बार ऐसे मामले सामने आए है कि टीचर बाइयोमेट्रिक में हाजारी लगाकर कर स्कूल परिसर से चले जाते है। सरकार अपने इस कदम से इस तरह की गतिविधियों को रोकने का प्रयास कर रही है जिससे छात्रों की पढ़ाई को नुकसान होता है।