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हर घर बिजली के रास्ते पर उत्तराखण्ड,बीरोंखाल को मिली जल विद्युत परियोजना की सौगात


देहरादून: मुख्यमंत्री त्रिवेन्द्र सिंह रावत ने रविवार को जनपद पौड़ी गढ़वाल के बीरोंखाल ब्लॉक में उत्तराखण्ड जल विद्युत निगम द्वारा निर्मित 1500 कि.वा. की दुनाव लघु जल विद्युत परियोजना को प्रदेश के जनता को समर्पित किया। इस अवसर पर बोलते हुए मुख्यमंत्री ने इसे पर्वतीय क्षेत्र में विकास के लिए मील का पत्थर बताया। उन्होंने कहा कि जनता को समर्पित इस लघु जल विद्युत परियोजना को शहीद राम प्रसाद नौटियाल के नाम से जाना जाएगा।

मुख्यमंत्री त्रिवेन्द्र सिंह रावत ने पौड़ी जिले के दूरस्थ विकास खंड बीरोंखाल में नयार नदी पर निर्मित दुनाव लघु जल विद्युत परियोजना का वैदिक मंत्रोच्चारण के साथ लोकार्पण किया। मुख्यमंत्री ने इस परियोजना को पहाड़ हित में बताया। कहा कि इस परियोजना से सिमली, कांडा, पाली व बीरोंखाल समेत 55 गांवों को न सिर्फ लाभ मिलेगा होगा बल्कि स्थानीय युवकों को रोजगार भी प्राप्त होगा। जिससे इस क्षेत्र में पलायन पर कुछ हद तक अंकुश लगाया जा सकेगा। मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रदेश में शीघ्र ही अन्य जल विद्युत परियोजनाओं को भी पूरा करने का प्रयास किया जा रहा है।

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इस मौके पर मुख्यमंत्री ने लखवाड़-व्यास जल विद्युत परियोजना का प्रस्ताव तैयार करने के लिए अधिकारियों को निर्देशित किया। उन्होंने कहा कि प्रदेश में लघु व बड़े प्रोजेक्ट स्थापित करने वाली कम्पनियों को सरकार भारी सब्सिडी उपलब्ध करायेगी। उन्होंने पं. दीनदयाल उपाध्याय योजना के उद्देश्यों पर रोशनी डाली। उन्होंने कहा कि प्रदेश सरकार द्वारा किसानों को 2 प्रतिशत ब्याज दर पर 1 लाख रूपए तक का ऋण उपलब्ध कराया जा रहा है। इससे पूरे प्रदेश में 46 हजार से अधिक किसानों ने लाभ प्राप्त किया है। उन्होंने शिक्षित बेरोजगारों से कृषि को रोजगार का माध्यम बनाये जाने के लिए उन्हें प्रेरित किया। कहा कि शिक्षित युवाओं के लिए सरकार की ओर से विभिन्न योजनाओं में लाभ दिया जा रहा है। उन्होंने कहा कि युवा मिर्च, शहद, क्षेत्रीय फसलें आदि का उत्पादन कर बेहतर रोजगार प्राप्त कर सकते हैं। उन्होंने चमोली के घेस गांव की तर्ज पर हर क्षेत्र में सब्जियों के उत्पादन पर जोर दिया। कहा कि अकेले घेस गांव के काश्तकारों ने 45 लाख रूपये की मटर का उत्पादन किया है।

मुख्यमंत्री ने सैनिक परिवारों के प्रति सरकार की प्रतिबद्धता जताई। उन्होंने कहा कि प्रदेश के शहीद सैनिक व अर्द्ध सैनिक बल के आश्रितों को सरकारी नौकरी दी जाएगी। मुख्यमंत्री ने कहा कि पहाड़ों में डाक्टरों की कमी को पूरा करने का प्रयास किया जा रहा है। सेना के सेवानिवृत्त विशेषज्ञ डाक्टरों व अन्य राज्यों से भी डाक्टरों के आवेदनों को प्राप्त कर उन्हें पहाड़ों में चिकित्सा सेवाओं को लिए शीघ्र ही तैनात किया जाएगा। उन्होंने टेली रेडियोलॉजी तथा टेली मेडिसिन के क्षेत्र में सरकार की ओर से किये गये क्रांतिकारी पहल बताया। कहा कि इससे पहाड़ों में 22 अस्पतालों में मरीजों को प्रत्यक्ष रूप से लाभ प्राप्त हो रहे हैं। उन्होंने कहा कि इंटरनेट विहीन क्षेत्रों में इस प्रणाली के अन्य कारगर तरीकों पर भी मंथन किया जा रहा है।

शीघ्र ही इंटरनेट विहीन व दूरस्थ क्षेत्रों में भी इसे लागू कर दिया जाएगा। मुख्यमंत्री ने पहाड़ों में सरकार, जनता के द्वार कार्यक्रम को और प्रभावशाली बनाने की रणनीती साझा की। उन्होंने कहा कि अब ब्लॉक स्तरीय अधिकारी सप्ताह में दो दिन ब्लाॅक के दूरस्थ क्षेत्र के ग्राम सभाओं में जाकर लोगों की समस्याओं से रूबरू होंगे। मुख्यमंत्री से इसे अनिवार्य रूप से अमल में लाये जाने के निर्देश दिये हैं। कहा लापरवाही करने वालों पर सरकार कठोर कार्यवाही करेगी। इस मौके पर मुख्यमंत्री ने शहीद जसंवत सिंह रावत को स्मरण किया।

इस अवसर पर विधायक दिलीप सिंह रावत, यूजेवीएन लि. उत्तराखंड की सचिव व अध्यक्ष राधिका झा, प्रबंध निदेशक एस.एन.वर्मा, परियोजना निदेशक संदीप सिंघल, निदेशक वित्त एल.एम.वर्मा, महाप्रबंधक अजय पटेल सहित विभिन्न विभागों के अधिकारी उपस्थित थे।

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