हल्द्वानी। नेशनल एसोसिएशन फ़ॉर द ब्लाइंड्स, नैब, के 15 दृष्टि बाधित बच्चों को नेत्र ज्योति मिल जाएगी और वे दुनिया को देखने के साथ ही स्वतंत्र रूप से जीवन यापन कर सकेंगे। रविवार को इन बच्चों के प्रारंभिक परीक्षण में चयन के बाद अब इनका दिल्ली में प्रख्यात नेत्र सर्जन ऑपरेशन करेंगे।
कुमाऊं विश्वविद्यालय के पत्रकारिता विभाग के अध्यक्ष प्रो गिरीश रंजन तिवारी की पहल पर नयना ज्योति समिति तथा एलबी कृष्णा फाउंडेशन दिल्ली के सहयोग से नैब में वरिष्ठ चिकित्सक डा वीके तिवारी, एम्स के पूर्व सीनियर रेजिडेंट डा रुचिर तिवारी तथा बलरामपुर अस्पताल लखनऊ के सर्जन डा संजय श्रीवास्तव ने बच्चों का गहन परीक्षण किया। डा वीके तिवारी ने बताया कि कुल 95 बच्चों का परीक्षण किया गया जिनमें 15 को ऑपेरशन के बाद आंख की रोशनी मिल जाएगी इसके अलावा 7 बच्चों को हाई पावर लेंस के चश्मे से लिखने पढ़ने लायक ज्योति मिल जाएगी। चयनित 15 बच्चों का ऑपेरशन इसी माह से नोएडा, दिल्ली स्थित हाईटेक अस्पताल में किया जाएगा। नैब के संचालक श्याम धानिक ने बताया कि बच्चों का ऑपेरशन डा तिवारी की टीम ने निशुल्क करने का आश्वासन दिया जबकि लेंस व अन्य डिस्पोजेबल का खर्च प्रो गिरीश रंजन तिवारी उपलब्ध करवाएंगे।
नैब में परीक्षण के दौरान बच्चों में नेत्र ज्योति पा कर अपने सपने पूरे करने को लेकर भारी उत्साह था। इस अवसर पर प्रो तिवारी, कुसुम तिवारी, नयना ज्योति संस्था के अरुण रौतेला, योगेश साह, सुरेश खोलिया, गुलशन, नागेश दुबे, विजय पाल, अंकुर आदि उपस्थित थे। श्याम धानिक ने इस शिविर के आयोजन तथा ऑपेरशन में सहयोग के लिए प्रो तिवारी, डा तिवारी की टीम का आभार जताते हुए कहा कि इस उपचार के बाद बच्चे आत्मनिर्भर बन कर जीवन जी सकेंगे।