लखनऊ: किशन सिंह:जुनून… समर्पण… आत्मविश्वास… पागलपन… जब बातें इन चार शब्दों की हो तो समझ लीजिए भारत के सबसे पसंदीदा खेल क्रिकेट की बात हो रही है। जो दीवानापन भारत में क्रिकेट को लेकर है वो किसी और खेल में नही है। इसी क्रिकेट खेल को बढ़ावा देती हुई हल्द्वानी की वो अकेडमी जिन्होंने अपनी मेहनत, कोचिंग और हल्द्वानी शहर में खिलाड़ियों को सबसे अच्छे सुविधा देकर कई बड़े खिलाड़ियों को बड़े मंचो पर पहुंचाने का काम किया है।
जी हम बात कर रहें है हल्द्वानी क्रिकेटर अकेडमी की। हल्द्वानी शहर की सबसे पुरानी क्रिकेट एकेडमी ने अपने नाम को हमेशा से खेल में आगे रखा है। शहर में हल्द्वानी क्रिकेटर एकेडमी की दो ब्रांच है। पहली सेक्रेट हार्ट स्कूल हल्द्वानी और दूसरी उन्नति गार्डन बरेली रोड।
कोच दान सिंह भंडारी, महेंद्र सिंह बिष्ट और इंदर जैठा की तिगड़ी खिलाड़ियों को सालों से परीक्षण दे रही है। इस क्रिकेट एकेडमी के खिलाड़ियों ने देश की महत्वपूर्ण क्रिकेट प्रतियोगिता में भाग लिया है। यहां से निकले युवा खिलाड़ियों ने लिस्ट ए ,फर्स्ट क्लास और भारतीय जूनियर टीम में जगह बनाई है। तीनों कोच की बात रहे तो वो बेसिक्स को ही खिलाड़ी की कामयाबी का महत्वपूर्ण हथियार मानते हैं। नया सत्र शुरू होने से पहले एकेडमी के कोच कहते है युवा इसके लिए तैयार है। उन्होंने कहा कि शहर में क्रिकेट को लेकर काफी उत्साह है। वहीं एकेडमी से निकले उडीसा टीम के सदस्य सौरभ रावत और देवेंद्र कुंवर भी युवाओं से मिलेंगे और टिप्स देंगे।
बॉल टेंपरिंग विवाद पर कोच महेंद्र सिंह बिष्ट कहते है कि केपटाउन में जो भी हुआ वो खेल के लिए काफी शर्मसार था। स्टिव स्मिथ और डेविड वॉर्नर बड़े खिलाड़ी है, उन्हें युवा फॉलो करते है लेकिन ये गलत संदेश देती है। कोच दान सिंह भंडारी के क्रिकेट ऑस्ट्रेलिया ने सख्त एक्शन का स्वागत किया। उन्होंने कहा कि कोई भी खिलाड़ी खेल से बड़ा नहीं है। वही कोच इंदर जेठा के अनुसार ऑस्ट्रेलियाई खिलाड़ियों ने हर वक्त खेल को नीचा दिखाया है, मुझे लगता है कि वार्नर और स्मिथ के अलावा कैमरूम बैक्रॉफ्ट को भी एक साल के लिए बैन करना चाहिए था।