देहरादून- हाईकोर्ट की सख्ती के बाद उत्तराखण्ड के पूर्व सीएम एनडी तिवारी से सरकारी मकान खाली कर दिया है। उन्होंने इससे पहले ठंड का हवाला देकर आवास को लेकर मोहलत मांगी थी। एनडी के अधिवक्ता की ओर से हाई कोर्ट में सुनवाई के दौरान यह हलफनामा दायर किया गया है।रूरल लिटिगेशन इनटाईटिललमेंट केंद्र देहरादून के अवधेश कौशल ने राज्य के सभी पूर्व मुख्यमंत्रियों को मिले सरकारी आवास व अन्य सुविधाएं वापस लेने के विषय में जनहित याचिका दायर की थी।
जस्टिस राजीव शर्मा और जस्टिस सुधांशु धुलिया की खंडपीठ के समक्ष मामले की सुनवाई के दौरान याचिकाकर्ता के अधिवक्ता कार्तिकेय हरिगुप्ता ने पूर्व सीएम का 23 करोड़ बकाया वसूलने का आदेश पारित करने का आग्रह किया। खंडपीठ ने दो सप्ताह में सरकार से बाजार दरों के आधार पर किराये का ब्यौरा कोर्ट के समक्ष प्रस्तुत करने के आदेश पारित किए। बता दे कि हाईकोर्ट ने उत्तराखण्ड के पांच पूर्व मुख्यमंत्रियों को सरकारी मकान खाली करने का नोटिस दिया था।इस लिस्ट में सीएम रहे भगत सिंह कोश्यारी, नारायण दत्त तिवारी, भुवन चंद्र खंडूड़ी, डा.रमेश पोखरियाल निशंक और विजय बहुगुणा शामिल थे। हाईकोर्ट ने 15 फरवरी तक सरकारी आवास खाली करने के निर्देश दिए थे। इस कड़ी में पूर्व मुख्यमंत्री भगत सिंह कोश्यारी, भुवन चंद्र खंडूड़ी और रमेश पोखरियाल निशंक ने देहरादून में अपने सरकारी आवास खाली कर दिए थे। बात अगर मकान के किराए की करें तो पांच पूर्व सीएम में केवल विजय बहुगुणा ने अपना किराया जमा किया है।बुधवार को पत्नी उज्जवला और बेटे रोहित संग तिवारी ने ये आवास खाली किया। इससे पहले उन्होंने यहां अपने बेटे का जन्मदिन मनाया और तमाम सरकारी आवास में रखा साजो-सामान हल्द्वानी शिफ्ट कर दिया।