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दून विश्वविद्यालय परिसर में शोध एवं अध्ययन पर सीएम त्रिवेंद्र रावत की पाठशाला


 देहरादून:दून विश्वविद्यालय परिसर में डा. नित्यानंद हिमालयी शोध एवं अध्ययन संस्थान के भवन के निर्माण की आधारशिला रखे जाने के अवसर पर बोलते हुए मुख्य अतिथि मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत ने कहा कि हिमालयी क्षेत्रों में अधिक अध्ययन और शोध किए जाने की जरूरत है। यह नया शोध संस्थान हिमालयी क्षेत्र में शोध के लिए मील का पत्थर साबित होगा। उन्होंने उम्मीद जताई कि अगले वर्ष इसी दिन इस नए संस्थान का शुभारंभ किया जाएगा। साथ ही इस वर्ष पर्याप्त बर्फबारी न होने की वजह से ग्लेशियरों के रिचार्ज न हो पाने पर मुख्यमंत्री ने चिंता व्यक्त की। उन्होंने बताया कि डा. नित्यानंद ने हिमालय की बेहतरी के लिए अपना सारा जीवन लगाया, उनके हिमालय के प्रति समर्पण की वजह से ही इस केंद्र का नाम उनके नाम पर रखा जा रहा है।

कार्यक्रम के विशिष्ट अतिथि उच्च शिक्षा मंत्री डा. धन सिंह रावत ने कहा कि सरकार लगातार उच्च शिक्षा क्षेत्र में सुधार के लिए प्रयास कर रही है। कालेजों में शिक्षकों के खाली पदों पर नियुक्ति की प्रक्रिया चल रही है। सभी महाविद्यालयों में प्रचार्यों की नियुक्ति कर दी गई है। इसके साथ ही अपने संबोधन में डा. रावत ने उच्च शिक्षा के क्षेत्र में लागू की जा रही सरकार की विभिन्न योजनाओं की जानकारी दी। कार्यक्रम के मुख्य वक्ता डॉ कृष्ण गोपाल, संघ सह सर कार्यवाह ने कहा कि इस नए शोध संस्थान को हिमालय बचाओ अभियान के लिए की गई पहल के तौर पर देखा जाना चाहिए। उन्होंने कहा कि पहाड़ों से पलायन रोकने के लिए पर्याप्त उपाय किए जाने चाहिए। पहाड़ों पर रोजगार, स्वास्थ्य और नौकरियों के अवसर होंगे, तभी पलायन को रोका जा सकेगा।

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दून विश्वविद्यालय के कुलपति प्रोफेसर चंद्रशेखर नौटियाल ने कार्यक्रम की अध्यक्षता की। संचालन प्रोफेसर एच.सी पुरोहित ने किया। इस अवसर पर विश्व हिंदू परिषद के अंतरराष्ट्रीय संगठन महामंत्री दिनेश चंद्र जी, आर.एस.एस के प्रांत प्रचारक युद्धवीर जी, मेयर विनोद चमोली, भाजपा अध्यक्ष अजय भट्ट, भाजपा विधायक हरबंस कपूर एवं खजानदास, भाजपा प्रदेश सचिव सुनील उनियाल गामा, महानगर अध्यक्ष विनय गोयल, दून विश्वविद्यालय की प्रोफेसर कुसुम अरूणाचलम, प्रोफेसर हर्ष डोभाल, एसोसिएट प्रोफेसर राजेश कुमार, उपकुलसचिव डा. एम एस मंद्रवाल, वित्त निंयत्रक डी.सी लोहानी, डा. सुनीत नैथानी, डा. आशीष सिन्हा, राशि मिश्रा, चंद्रिका कुमार, अरूण कुमार, आलोक नैथानी, शांतनु शांडिल्य सहित दून विश्वविद्यालय के सभी शिक्षक एवं छात्र मौजूद रहे।

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