
Uttarakhand: Shivani Rana: Gram Pradhan: टिहरी जिले के भिलंग क्षेत्र की ग्राम सभा धारगाँव में पंचायत उपचुनाव के दौरान एक सराहनीय उदाहरण सामने आया है। यहाँ बीएड की छात्रा शिवानी राणा को ग्रामीणों की सर्वसम्मति से निर्विरोध ग्राम प्रधान चुना गया। युवा नेतृत्व को बढ़ावा देने वाली यह पहल न केवल स्थानीय राजनीति में नई ऊर्जा का संचार करती है, बल्कि यह भी दर्शाती है कि ग्रामीण समाज अब बदलाव के लिए युवाओं पर भरोसा जताने लगा है।
शिवानी ने हाल ही में एचएनबी गढ़वाल विश्वविद्यालय से बीएससी उत्तीर्ण की है और वर्तमान में बीएड की पढ़ाई कर रही हैं। पढ़ाई जारी रखते हुए ग्राम पंचायत की जिम्मेदारियाँ निभाना उनके समर्पण और नेतृत्व क्षमता को दर्शाता है। ग्रामीणों ने पहले ही स्पष्ट कर दिया था कि वे शिवानी को ही प्रधान के रूप में देखना चाहते हैं, और यही कारण रहा कि उपचुनाव में उनके सामने कोई अन्य उम्मीदवार खड़ा नहीं हुआ।
शिवानी का परिवार साधारण पृष्ठभूमि से आता है—पिता विशाल सिंह राणा वाहन चालक हैं और माता सुमित्रा राणा प्राथमिक विद्यालय में शिक्षिका। चार भाई–बहनों में दूसरे नंबर की शिवानी ने अपने दृढ़ निश्चय और लगन से ग्रामीणों का विश्वास जीता है।
ग्राम प्रधान के रूप में उनकी पहली प्राथमिकता धारगाँव की क्षतिग्रस्त और संकरी सड़कों को दुरुस्त कराना है, जिसे ग्रामीण लंबे समय से प्रमुख समस्या मानते आए हैं। उपचुनाव में सात में से पाँच वार्ड सदस्य भी सर्वसम्मति से निर्विरोध चुने गए, जो गाँव की एकजुटता और सामूहिक सोच को दर्शाता है।
शिवानी राणा का निर्विरोध चयन इस बात का प्रमाण है कि आज का युवा केवल सपने नहीं देखता, बल्कि ज़िम्मेदारियाँ उठाकर अपने गाँव और समाज को बेहतर दिशा देने की क्षमता भी रखता है। यह चुनाव परिणाम पूरे पहाड़ी क्षेत्र के लिए प्रेरणा है कि जब युवाओं को अवसर मिलता है, वे सकारात्मक बदलाव की मजबूत आधारशिला बन सकते हैं।






