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कमल रावत मौत मामला: पांच को किया गया निलंबित, एक को नौकरी से हटाया


हल्द्वानी में पिछले दिनों हाईटेंशन लाइन की चपेट में आकर कमल रावत की मौत हो गई थी। इस मामले में जांच के आदेश मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत ने दिए थे। सरकार ने जिम्मेदार अधिकारियों पर कड़ी कार्रवाई की है। यूपीसीएल के सहायक अभियंता और उपखंड अधिकारी समेत 5 कार्मिकों को लापरवाही में निलंबित कर दिया गया है। क्षेत्र के एसएसओ को सेवा से हटा दिया गया है। वह उपनल से भर्ती थे। इससे सरकार ने जिम्मेदार पदों पर बैठे अधिकारियों को एक कड़ा संदेश भी दिया है।

मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत के निर्देश के बाद ऊर्जा सचिव राधिका झा ने पूरे मामले की जांच सीनियर स्तर के अधिकारी मुख्य अभियंता (वि) रुद्रपुर क्षेत्र एमएल प्रसाद से कराई थी। उनकी रिपोर्ट के आधार पर सभी कार्मिकों के खिलाफ निलंबन की बड़ी कार्रवाई की गई है। यूपीसीएल के एमडी की ओर से जारी आदेश में कहा गया है कि मुख्य अभियंता (वि) रुद्रपुर क्षेत्र की जांच रिपोर्ट के गहन अवलोकन के बाद इस मामले में प्रथमदृष्टया दोषी पाए जाने पर जिम्मेदार अधिकारियों पर तत्काल प्रभाव से निलंबन की कार्रवाई की गई है।

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इस लिस्ट में एसडीओ विद्युत वितरण उपखंड (प्रथम) सुभाषनगर हल्द्वानी नीरज चंद्र पांडे, सहायक अभियंता (मापक) विद्युत परीक्षण शाला हल्द्वानी रोहिताषु पांडे, अवर अभियंता मो.शकेब, टीजी -1 लाइन चांद मोहम्मद और लाइनमैन नंदन सिंह भंडारी को निलंबित किया गया है। नीरज पांडे और रोहिताषु पांडे को मुख्य अभियंता (वितरण), उपाकालि हल्द्वानी क्षेत्र, व अन्य तीनों कार्मिकों को कार्यालय अधीक्षण अभियंता, विद्युत वितरण मंडल उपाकालि हल्द्वानी से संबद्ध किया गया है। जिससे अभिलेखों में छेड़छाड़ व जांच को प्रभावित न किया जा सके। उपनल से भर्ती एसएसओ को सेवा से ही हटा दिया गया है।

बता दें कि टेडी पुलिया हाइडिल गेट बारीखत्ता निवासी कमल रावत (29) पुत्र एमएस रावत एक क्लीनिक में नौकरी करते थे। बीते शुक्रवार को कमल साइकिल से ड्यूटी पर जा रहा थे। सुबह करीब नौ बजे कमल जैसे ही वॉक मॉल के पास पहुंचे, तभी वहां हाइटेंशन लाइन का तार टूटने से उसकी चपेट में आ गये और करंट से झुलसकर कमल की मौके पर ही मौत हो गई।

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