कोरोना संक्रमण के आंकड़ों की रफ्तार उत्तराखंड धीमी जरूर पड़ी है लेकिन मौत का आंकड़ा कम होने का नाम नहीं ले रहा है। अब तक उत्तराखंड में कोरोना वायरस के चलते 960 मौत हुई है। राज्य में कोरोना वायरस का कुल आंकड़ा 59106 हो गया है जिसमें 52632 मरीजों ने कोरोना वायरस को मात दी है। शनिवार को एक चौकाने वाला मामला सामने आया था। अलग-अलग अस्पतालों ने कोरोना के चलते जान गंवाने वाले 89 मरीजों के बारे में स्वास्थ्य विभाग को कोई जानकारी नहीं दी। यह बात तब सामने आई जब मौतों के मैन्युअली आंकड़े जुटाने शुरू किए गए। मामला सामने आने के बाद स्वास्थ्य विभाग में हड़कंप मचा हुआ है।
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ऐसे हुई लापरवाही उजागर
दरअसल शनिवार को स्वास्थ्य विभाग ने कोरोना को लेकर जो बुलेटिन जारी किया। उसमें मरने वालों का आंकड़ा 924 था। जबकि शुक्रवार को मरने वालों का कुल आंकड़ा 829 था। ऐसे में सवाल उठने लगे कि आखिरकार एक दिन में ही कैसे 95 लोगों की कोरोना से मौत हो गई। तब पता चला कि अस्पतालों ने इस बारे में स्वास्थ्य विभाग को बताया ही नहीं था।
तमाम अस्पताल कोरोना वायरस से मरने वाले मरीजों का आंकड़ा स्वास्थ्य विभाग तक पहुंचा ही नहीं रहे। प्रदेश के किस अस्पताल ने कितने मरीजों की मौत की बात छुपाई। अस्पतालों और स्वास्थ्य विभाग की बड़ी लापरवाही सामने आने के बाद एनएचएम की तरफ से सभी प्राइवेट अस्पतालों के साथ ही दून अस्पताल प्रबंधन को भी स्पष्टीकरण दिए जाने के नोटिस थमाए गए हैं।
देहरादून के कैलाश अस्पताल ने 28, इंद्रेश अस्पताल ने 24, दून मेडिकल कॉलेज ने 21, एम्स ऋषिकेश ने 2, हिमालयन अस्पताल ने 5, देहरादून के मैक्स अस्पताल ने 2, रुड़की के विनय विशाल हॉस्पिटल ने 2, हरिद्वार के जया मैक्स वेल अस्पताल ने दो और रुद्रपुर के डिस्ट्रिक्ट हॉस्पिटल ने तीन मरीजों की मौत की बात छुपाई है। वहीं प्रदेश में 89 कोरोना संक्रमितों की मौत हो गई, लेकिन इन्हें ना तो सरकार ने मरा हुआ माना और ना ही स्वास्थ्य विभाग ने। क्योंकि अस्पतालों ने इस बारे में स्वास्थ्य विभाग को कोई सूचना नहीं दी। स्वास्थ्य विभाग ने अस्पतालों में हुई मौत के आंकड़े मैन्युअली जुटाने शुरू किए, तो जो सच सामने आया।
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