
नैनीताल: नैनीताल जिले के रामनगर क्षेत्र में स्थित कॉर्बेट सिटी में प्रशासन ने तीन अवैध रूप से बनी मजारों को बुल्डोजर से गिरा दिया। ये मजारें दो हफ्ते पहले चिन्हित की गई थीं, जिन्हें लेकर स्थानीय प्रशासन ने पहले ही नोटिस जारी कर दिया था।
सूत्रों के अनुसार, उत्तराखंड में मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी के नेतृत्व में सरकारी भूमि पर अवैध धार्मिक ढांचों और कब्जों के खिलाफ चल रहा अभियान पंचायत चुनावों के बाद फिर से तेज हो गया है। मुख्यमंत्री धामी पहले ही स्पष्ट कर चुके हैं कि सरकारी जमीन पर अतिक्रमण के विरुद्ध कार्रवाई लगातार जारी रहेगी।
इसी क्रम में रामनगर क्षेत्र में दो पक्की सीमेंट की मजारें सरकारी भूमि पर बनी पाई गईं, जिन्हें प्रशासन ने ध्वस्त कर दिया। मजारों के नीचे किसी भी प्रकार के धार्मिक अवशेष नहीं मिले। ढांचों को तोड़कर उनका मलबा डंपर में भरकर ले जाया गया।
एक अन्य मजार एक सरकारी स्कूल के परिसर में भी बनाई गई थी, जिसे लेकर सोशल मीडिया पर यह चर्चा तेज हो गई थी कि इसका बच्चों पर क्या प्रभाव पड़ रहा होगा। उस मजार को भी प्रशासन द्वारा हटा दिया गया। नैनीताल के एडीएम विवेक राय ने जानकारी दी कि जिन अवैध धार्मिक संरचनाओं को हटाया गया है, उनके लिए दो हफ्ते पहले ही नोटिस जारी कर दिया गया था। साथ ही एक मजार एक बड़े रिसॉर्ट परिसर में स्थित थी, जिसे रिसॉर्ट मालिक की सहमति से हटाया गया।
राज्य सरकार के अनुसार, अब तक उत्तराखंड में कुल 541 अवैध मजारें सरकारी भूमि से हटाई जा चुकी हैं, और किसी में भी धार्मिक अवशेष नहीं पाए गए। इसके अलावा, सरकार अब तक 7000 एकड़ सरकारी भूमि को अतिक्रमण से मुक्त करवा चुकी है। हरिद्वार, नैनीताल और उधम सिंह नगर जिलों में यह अभियान विशेष रूप से तेज गति से चलाया जा रहा है।






